मुंबई से अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में महत्वपूर्ण प्रगति
बुलेट ट्रेन परियोजना में नया मील का पत्थर
मुंबई समाचार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना, जो मुंबई से अहमदाबाद तक फैली हुई है, ने एक महत्वपूर्ण चरण पार कर लिया है। घनसौली से शील फाटा टनल की 4.8 किलोमीटर लंबाई का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है, जो इस परियोजना के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस टनल के निर्माण के साथ ही मुंबई से ठाणे तक के टनल कार्य में तेजी आई है। इस अवसर पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी उपस्थित थे और उन्होंने मीडिया से बातचीत की, जिसमें उन्होंने परियोजना की प्रगति के बारे में जानकारी साझा की।
रेल मंत्री का बयान
रेल मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशों के अनुसार इस परियोजना की गति को बढ़ाया गया है। इसके पूरा होने पर, मुंबई से अहमदाबाद के बीच यात्रा का समय केवल 2 घंटे 7 मिनट रह जाएगा, जो पहले की तुलना में काफी कम है। इस परियोजना से न केवल यात्रा का समय घटेगा, बल्कि इससे कई छोटे और बड़े शहरों की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
2027 में शुरू होगा पहला चरण
इस परियोजना में कई नई और आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, जिनमें से कई भारत में विकसित की गई हैं। बुलेट ट्रेन का पहला सेक्शन 2027 में सूरत से बिलिबोरा तक शुरू होगा, जबकि दूसरा सेक्शन 2028 में ठाणे तक पहुंचेगा। पूरा प्रोजेक्ट 2029 तक मुंबई तक पूरी तरह से चालू हो जाएगा।
ठाकरे सरकार के दौरान हुई देरी
इस परियोजना में शुरुआत में महाराष्ट्र में ठाकरे सरकार के कारण कुछ देरी हुई थी, क्योंकि कई मंजूरियों में रुकावट आई थी। लेकिन अब सरकार ने इस परियोजना को गति देने के लिए तेजी से कदम उठाए हैं। सभी आवश्यक दस्तावेज़ तैयार किए जा रहे हैं और जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा, जिसमें बुलेट ट्रेन ट्रैक के आसपास घर बनाने की विस्तृत योजना शामिल होगी।
नई तकनीक और ट्रेनिंग
बुलेट ट्रेन के संचालन के लिए लोकोपायलट की ट्रेनिंग जापान में हो रही है। इसके साथ ही, मुंबई लोकल के लिए नई ट्रेनें और उनकी क्षमता बढ़ाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। भविष्य में बुलेट ट्रेन के लिए बंद दरवाजों वाली डिज़ाइन पर भी काम किया जाएगा।
सुविधाएं और सुरक्षा
बुलेट ट्रेन में यात्रा की सुविधा को बेहतर बनाने के लिए पिक आवर के दौरान हर आधे घंटे में ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव है। आरक्षण प्रक्रिया भी सरल होगी, जिससे यात्रियों को कोई लंबी प्रक्रिया नहीं अपनानी पड़ेगी। यह परियोजना न केवल भारत के परिवहन क्षेत्र को नया आकार देगी, बल्कि देश के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।