मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बारापूला ऐलिवेटेड रोड परियोजना की अनियमितताओं की जांच का आदेश दिया
मुख्यमंत्री की बैठक में परियोजना की समीक्षा
-मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पूर्व सरकार की लापरवाही के कारण ठेकेदार को 175 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता
-परियोजना का शेष कार्य जल्द शुरू होगा, यातायात निर्धारित समय पर चलेगा: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता
नई दिल्ली: मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में सोमवार को वित्त व्यय समिति की बैठक में बारापूला ऐलिवेटेड रोड, फेज-III की समीक्षा की गई। इस बैठक में निर्माण में हुई अनियमितताओं और ठेकेदार को 175 करोड़ रुपये के भुगतान की जांच भ्रष्टाचार निरोधक शाखा से कराने का निर्णय लिया गया। बैठक में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की लापरवाही पर भी चर्चा हुई और परियोजना में देरी के विभिन्न कारणों पर चिंता व्यक्त की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस परियोजना को शीघ्र पूरा किया जाए। उनका कहना था कि यह धनराशि पूर्व सरकार की वजह से दी गई, जिसने कंपनी को कार्य करने से रोका।
यह ऐलिवेटेड रोड बारापूला नाले से शुरू होकर सराय काले खां होते हुए मयूर विहार फेज-III तक पहुंचेगा। इस उच्चस्तरीय बैठक में पीडब्ल्यूडी मंत्री श्री प्रवेश साहिब सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे। मुख्यमंत्री को बताया गया कि परियोजना जल्द गति पकड़ेगी, क्योंकि आने वाले पेड़ों को हटाने की अनुमति शीघ्र मिलने वाली है। इसके बाद यह परियोजना समय पर पूरी हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब इस प्रोजेक्ट में किसी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए। सरकार इस परियोजना के लिए बजट की कमी नहीं आने देगी। परियोजना के पूरा होने से दक्षिणी और पूर्वी दिल्ली के बीच ट्रैफिक सुचारू हो जाएगा।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने कहा कि यह प्रोजेक्ट पिछली आम आदमी पार्टी सरकार के भ्रष्टाचार और लापरवाही का एक और उदाहरण है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना को अक्टूबर 2017 में पूरा होना था, लेकिन विभिन्न कारणों से यह देरी का शिकार हो गई। मामला मध्यस्थता में गया, जहां ठेकेदार कंपनी के पक्ष में फैसला आया और उसे 120 करोड़ रुपये अदा करने का आदेश दिया गया। जब कंपनी को यह राशि नहीं दी गई, तो वह हाई कोर्ट चली गई। मई 2023 में कोर्ट ने पीडब्ल्यूडी को ब्याज और जीएसटी समेत 175 करोड़ रुपये अदा करने का आदेश दिया। यह राशि कंपनी को अदा कर दी गई। उस समय आम आदमी पार्टी की श्रीमती आतिशी पीडब्ल्यूडी मंत्री थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के भ्रष्टाचार का आलम यह था कि उसने कोर्ट में पुनर्विचार याचिका भी दायर नहीं की और न ही अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई। इस राशि के भुगतान के कारण पीडब्ल्यूडी की अन्य योजनाएं भी प्रभावित हुईं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच से यह भी पता चला है कि उस समय ठेकेदार कंपनी ने 35 करोड़ रुपये की मांग की थी, ताकि विवाद को आगे न बढ़ाए, लेकिन जब यह राशि नहीं दी गई, तो विवाद हाई कोर्ट तक पहुंच गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अनियमितता में पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता की संभावना है। सतर्कता जांच में उनके कार्यकलापों की भी जांच कराने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि इस जांच से परियोजना प्रभावित नहीं होगी और इसे समय पर पूरा कर लिया जाएगा।
परियोजना: सराय काले खां से मयूर विहार तक बारापूला एलिवेटेड रोड (फेज-III)
इस परियोजना को दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने सितंबर 2011 में स्वीकृति दी थी।
परियोजना के कार्य के लिए 1260.63 करोड़ रुपये दिसंबर 2014 में आवंटित किए गए।
परियोजना के कार्यों की शुरुआत अप्रैल 2015 से हुई, जिसे 30 महीनों में पूरा होना था।
मूल लागत 1260.63 करोड़ रुपये थी, अब तक 1238.68 करोड़ खर्च हो चुके हैं।
परियोजना की संभावित कुल लागत 1330 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
अब तक 87 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। पेड़ों को शीघ्र हटाने की अनुमति मिलने वाली है, जिसके बाद यह परियोजना गति पकड़ लेगी।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में 150 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसमें जून 2025 तक 86.43 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।