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मेडागास्कर में युवा आंदोलन: बिजली और पानी की कमी के खिलाफ प्रदर्शन

मेडागास्कर में युवा आंदोलन ने बिजली और पानी की कमी के खिलाफ जोर पकड़ा है। राजधानी अंतानानारिवो में शुरू हुए इस आंदोलन में 22 लोगों की मौत हो चुकी है। राष्ट्रपति ने सरकार भंग करने की घोषणा की है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि बुनियादी समस्याओं का समाधान न होने पर अस्थिरता बढ़ सकती है। जानें इस आंदोलन की पूरी कहानी और इसके पीछे के कारण।
 

मेडागास्कर में युवा आंदोलन की शुरुआत

मेडागास्कर में प्रदर्शन 2025: नेपाल के बाद, अब एक और देश अपने नए युग की ओर बढ़ रहा है। अफ्रीका के दक्षिण-पूर्वी द्वीप राष्ट्र मेडागास्कर में हालात कुछ इसी तरह के हैं। यहां के युवा अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए हैं। राजधानी अंतानानारिवो में पिछले सप्ताह शुरू हुए इस आंदोलन का मुख्य कारण बिजली और पानी की लगातार कमी है, जिसने आम लोगों के जीवन को प्रभावित किया है।


कर्फ्यू और अराजकता का माहौल

ये आंदोलन केवल बुनियादी सुविधाओं तक सीमित नहीं रहा। बेरोजगारी, महंगाई और आर्थिक संकट ने युवा वर्ग को सड़कों पर उतरने के लिए प्रेरित किया। सोशल मीडिया के माध्यम से यह आंदोलन तेजी से फैला और नेपाल, केन्या और मोरक्को के युवा आंदोलनों से प्रेरणा लेकर युवाओं ने सरकार के खिलाफ अपनी मांगें स्पष्ट कीं। राजधानी में कर्फ्यू, लूटपाट और अराजकता ने इस आंदोलन को और भी बढ़ा दिया।


प्रदर्शन और हिंसा की स्थिति

विरोध प्रदर्शन विश्वविद्यालयों और शहर के मुख्य मार्गों से शुरू हुए। बेरोजगार युवा और आर्थिक संकट से जूझ रहे नागरिक प्लेकार्ड लेकर सड़कों पर उतरे। पुलिस ने आंसू गैस और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।




मौतों और घायलों की संख्या

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, प्रदर्शन के दौरान 22 लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हुए। हालांकि, मेडागास्कर सरकार ने इन आंकड़ों को खारिज करते हुए इसे 'गलत सूचना' बताया।


बिजली और पानी की कमी का संकट

बिजली कटौती और पानी की भारी कमी इस आंदोलन की जड़ बन गई। देश की 3 करोड़ की जनसंख्या में लगभग 75% लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं, जिससे असंतोष और बढ़ गया है।


राष्ट्रपति की प्रतिक्रिया

राष्ट्रपति रजोएलिना ने सरकार भंग करने की घोषणा की, जनता से माफी मांगी और भविष्य में संवाद और सुधार का आश्वासन दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बुनियादी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो यह क्षेत्रीय अस्थिरता को और बढ़ा सकता है।