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मोदी और रामगुलाम की वाराणसी में महत्वपूर्ण बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने वाराणसी में एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की गई। मोदी ने कहा कि भारत और मॉरीशस केवल साझेदार नहीं, बल्कि एक परिवार हैं। इस यात्रा के दौरान, दोनों नेताओं ने साझा संस्कृति और इतिहास पर भी बात की। जानें इस बैठक के प्रमुख बिंदुओं के बारे में।
 

मोदी और रामगुलाम की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम से मुलाकात की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करना था।


मॉरीशस के प्रधानमंत्री रामगुलाम भारत में 8 दिवसीय यात्रा पर हैं, जो 9 से 16 सितंबर तक चल रही है।


पीएम मोदी ने वाराणसी पहुंचने पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा स्वागत किया गया। इसके बाद, उन्होंने रामगुलाम से मुलाकात की।


एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में, मोदी ने कहा कि भारतीय संस्कृति और संस्कार सदियों पहले मॉरीशस पहुंचे और वहां की जीवनधारा में समाहित हो गए। उन्होंने यह भी कहा कि काशी में मां गंगा के प्रवाह की तरह भारतीय संस्कृति का निरंतर प्रवाह मॉरीशस को समृद्ध करता रहा है।


मोदी ने कहा, "आज जब हम मॉरीशस के दोस्तों का स्वागत कर रहे हैं, यह केवल औपचारिकता नहीं है, बल्कि एक आत्मिक मिलन है। इसलिए मैं गर्व से कहता हूं कि भारत और मॉरीशस केवल साझेदार नहीं, बल्कि एक परिवार हैं।"


इससे पहले, रामगुलाम ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री से भी मुलाकात की, जिसमें दोनों देशों के बीच बहुआयामी द्विपक्षीय साझेदारी पर चर्चा की गई।


विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर बताया कि विक्रम मिस्री ने रामगुलाम से वाराणसी में मुलाकात की और साझा इतिहास, संस्कृति और लोगों के बीच संबंधों पर आधारित भारत-मॉरीशस की संवर्धित रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।


मॉरीशस हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार है और यह भारत की 'महासागर' नीति का एक प्रमुख हिस्सा है। दोनों देशों के बीच सहयोग का महत्व न केवल उनकी जनता की समृद्धि के लिए है, बल्कि वैश्विक दक्षिण की सामूहिक आकांक्षाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है।