मोदी और वाजपेयी का 75वां जन्मदिन: एक समानता और भिन्नता
प्रधानमंत्रियों का 75वां जन्मदिन
यह एक दिलचस्प संयोग है कि भारतीय जनता पार्टी के पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जब 75 वर्ष के हुए, तब वे प्रधानमंत्री पद पर थे। अब, नरेंद्र मोदी भी 75 वर्ष के हो रहे हैं और वे भी इस पद पर आसीन हैं। वाजपेयी का 75वां जन्मदिन भव्य तरीके से मनाया गया था, और मोदी का जन्मदिन भी धूमधाम से मनाने की योजना बनाई जा रही है।
हालांकि, दोनों के जन्मदिन मनाने की जिम्मेदारी में एक बड़ा अंतर है। वाजपेयी के जन्मदिन का आयोजन कुछ चुनिंदा पार्टी नेताओं और उनके परिवार द्वारा किया गया था, जबकि मोदी के जन्मदिन का जश्न पूरी पार्टी और केंद्र से लेकर राज्य सरकारों तक द्वारा मनाया जा रहा है।
दोनों कार्यक्रमों में समानताएँ हैं। वाजपेयी के 75वें जन्मदिन पर रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया था और उनके जीवन व उपलब्धियों पर विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों पर चर्चा हुई थी। मोदी के जन्मदिन पर भी ऐसा ही होगा, लेकिन इसके साथ ही दिल्ली सरकार तीन हजार करोड़ रुपये की योजनाओं की शुरुआत कर रही है। अन्य राज्य सरकारें भी इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी कर रही हैं।
जन्मदिन समारोह पूरे दो हफ्तों तक चलेंगे। वाजपेयी के समय प्रमोद महाजन और विजय गोयल उनके परिवार के साथ मिलकर आयोजन कर रहे थे, जबकि अब सरकार इस आयोजन का नेतृत्व कर रही है। उस समय विपक्ष ने आयोजन पर सवाल उठाए थे, लेकिन इस बार ऐसा होने की संभावना कम है।