यूपी में दयाशंकर और उमाशंकर के बीच राजनीतिक टकराव
राजनीतिक विवाद की नई परतें
यूपी की राजनीतिक स्थिति एक बार फिर गर्म हो गई है। इस बार केंद्र में हैं बलिया से बीजेपी के मंत्री दयाशंकर सिंह और बसपा के विधायक उमाशंकर सिंह। दोनों नेताओं के बीच की तकरार अब सार्वजनिक मंच पर आ चुकी है, जिससे आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है। विवाद की शुरुआत बलिया में एक पुल के निर्माण से हुई, लेकिन अब यह टकराव केवल विकास कार्यों तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि ठाकुर समुदाय में वर्चस्व की लड़ाई का रूप ले चुका है।मंत्री दयाशंकर सिंह ने एक सार्वजनिक बयान में विधायक उमाशंकर सिंह पर आरोप लगाया कि वह विकास कार्यों में बाधा डाल रहे हैं और जनता को गुमराह कर रहे हैं। दूसरी ओर, उमाशंकर सिंह का कहना है कि मंत्री केवल अपने नाम की राजनीति कर रहे हैं और क्षेत्र की वास्तविक समस्याओं से उनका कोई संबंध नहीं है।
यह विवाद तब और बढ़ गया जब सोशल मीडिया पर दोनों पक्षों के समर्थकों ने एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। क्षेत्रीय राजनीति के जानकारों का मानना है कि यह संघर्ष व्यक्तिगत से कहीं अधिक राजनीतिक और सामाजिक वर्चस्व का है। ठाकुर समुदाय के दो प्रभावशाली नेताओं के बीच यह टकराव आगामी चुनावों में समीकरण बदल सकता है।
बीजेपी और बीएसपी दोनों ही अपने-अपने नेताओं के समर्थन में खड़ी हैं। प्रशासन ने स्थिति पर नजर रखी है ताकि यह मामला कानून-व्यवस्था का न बने। स्थानीय जनता इस टकराव से चिंतित है और उम्मीद कर रही है कि यह लड़ाई विकास कार्यों की बलि न चढ़ा दे।