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योगी आदित्यनाथ ने बनाया नया रिकॉर्ड, बने उत्तर प्रदेश के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री

योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है, जिससे वह सबसे लंबे समय तक इस पद पर रहने वाले मुख्यमंत्री बन गए हैं। उन्होंने पंडित गोविंद बल्लभ पंत का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 2017 में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद, उन्होंने अपने कार्यों से जनता को प्रभावित किया और 2022 में फिर से चुनाव जीतकर इस पद पर लौटे। जानें उनके राजनीतिक सफर और कार्यकाल के बारे में।
 

योगी आदित्यनाथ का ऐतिहासिक कार्यकाल

CM योगी आदित्यनाथ का रिकॉर्ड: योगी आदित्यनाथ, जो देश के प्रमुख मुख्यमंत्रियों में से एक माने जाते हैं, पिछले 8 वर्षों से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद पर हैं। उन्होंने एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। दरअसल, वह उत्तर प्रदेश के इतिहास में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले बन गए हैं, और उन्होंने पहले मुख्यमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पंडित गोविंद बल्लभ पंत का कार्यकाल 8 साल और 127 दिनों का था, जबकि योगी आदित्यनाथ ने अब तक 8 साल और 132 दिन पूरे कर लिए हैं।


योगी आदित्यनाथ का कार्यकाल

योगी आदित्यनाथ ने रचा इतिहास


योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उनके कार्यकाल के पहले 5 वर्षों में उन्होंने अपने कार्यों से जनता को इतना प्रभावित किया कि भाजपा ने 2022 के विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत से जीत हासिल की। इसके बाद उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनाया गया, जिससे उन्होंने लगातार दूसरी बार इस पद की शपथ लेकर एक नया इतिहास रचा।


उत्तर प्रदेश के 22वें मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश के 22वें मुख्यमंत्री


योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के 22वें मुख्यमंत्री हैं और दूसरी बार चुने जाने वाले 5वें मुख्यमंत्री हैं। उनके पूर्ववर्ती संपूर्णानंद, चंद्रभानु गुप्ता, हेमवती नंदन बहुगुणा और नारायण दत्त तिवारी को ही जनता ने दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में चुना था। योगी आदित्यनाथ का दूसरा कार्यकाल 22 मई, 2027 को समाप्त होगा।


योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक सफर

योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक करियर


योगी आदित्यनाथ ने राजनीति में कदम रखने से पहले गोरखपुर के गोरखनाथ मठ के महंत के रूप में कार्य किया। उन्होंने 1998 में राजनीति में प्रवेश करने का निर्णय लिया, जब वह केवल 26 वर्ष के थे। उन्होंने गोरखपुर सीट से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद में कदम रखा और उस समय वह भारत के सबसे युवा सांसद बने। इसके बाद से वह लगातार 5 बार गोरखपुर सीट से सांसद चुने गए।