योगी सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप में उपजिलाधिकारी को निलंबित किया
योगी सरकार का बड़ा कदम
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप में मुजफ्फरनगर के जानसठ उपजिलाधिकारी जयेन्द्र सिंह को निलंबित कर दिया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी भूमि को संक्रमणीय भूमिधर के रूप में घोषित करते हुए एक पक्ष को अनुचित लाभ पहुंचाया। निलंबन के दौरान उन्हें राजस्व परिषद कार्यालय से जोड़ा गया है। इस मामले की विभागीय जांच शुरू कर दी गई है, और बरेली के मंडलायुक्त को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
नियुक्ति विभाग ने गुरुवार को उनका निलंबन आदेश जारी किया। यह कार्रवाई सहारनपुर मंडलायुक्त द्वारा प्रदेश सरकार को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर की गई है। मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी द्वारा कराई गई जांच में एसडीएम को प्रथमदृष्टया दोषी पाया गया है। इसमें बताया गया है कि जानसठ तहसील में अमृतपाल बनाम सरकार का मामला चल रहा था।
ग्राम इसहाक वाला स्थित डेरावाल कोआपरेटिव फार्मिंग सोसायटी की लगभग 750 बीघा भूमि पर विवाद था। उपजिलाधिकारी कार्यालय में इस मामले की सुनवाई चल रही थी, जहां उन्होंने नियमों की अनदेखी करते हुए भूमि के स्वामित्व का आदेश अमृतपाल सिंह के पक्ष में दिया। दूसरे पक्ष ने इस मामले में जिलाधिकारी से शिकायत की थी, जिसके आधार पर मंडलायुक्त सहारनपुर को स्थानीय स्तर पर जांच करने के लिए कहा गया था। उन्होंने संस्तुति के साथ शासन को पूरी रिपोर्ट भेजी थी।