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राजनीतिक इस्लाम: भारत की चुनौतियाँ और योगी आदित्यनाथ की चेतावनी

योगी आदित्यनाथ ने राजनीतिक इस्लाम पर ध्यान देने की आवश्यकता को रेखांकित किया है, जो भारत के इतिहास और भविष्य से गहराई से जुड़ा है। अंबेडकर के विचारों के संदर्भ में, यह स्पष्ट होता है कि मुस्लिम राजनीति हमेशा मुल्लाओं की राजनीति होती है। इस लेख में राजनीतिक इस्लाम के प्रभाव, इतिहास और इसके प्रति जागरूकता की आवश्यकता पर चर्चा की गई है। जानें कैसे यह विषय भारत के लिए महत्वपूर्ण है और इसके समाधान के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए।
 

राजनीतिक इस्लाम की गंभीरता

डॉ. भीमराव अंबेडकर ने स्पष्ट रूप से कहा है कि मुस्लिम राजनीति हमेशा मुल्लाओं की राजनीति होती है, जो हिन्दू और मुसलमानों के बीच के भेद को मान्यता देती है। नायपॉल ने अपनी पुस्तक ‘घायल सभ्यता’ में इस्लामी आक्रमणों के घावों का उल्लेख किया है, जो भारत को आज भी प्रभावित कर रहे हैं। इसके बावजूद, भारत ने अपनी विफलताओं से बहुत कम सीखा है।


योगी आदित्यनाथ का दृष्टिकोण

योगी आदित्यनाथ ने पहली बार राजनीतिक इस्लाम पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है। यह विषय भारत के इतिहास और भविष्य से गहराई से जुड़ा हुआ है। समाजवादी पार्टी के नेता जियाउर्रहमान बर्क के अलावा, अन्य सभी ने इस पर चुप्पी साधी है, जो इस मुद्दे की गंभीरता को दर्शाता है।


भारत में राजनीतिक इस्लाम का प्रभाव

योगी ने कहा, ‘हमारे पूर्वजों ने राजनीतिक इस्लाम के खिलाफ भी लड़ाइयाँ लड़ी थीं। छत्रपति शिवाजी और गुरु गोविन्द सिंह जैसे नायकों को हम इसलिए याद करते हैं। आज भी राजनीतिक इस्लाम वही है, जो राष्ट्र को टुकड़ों में बांटने की कोशिश कर रहा है।’


इस्लामी राजनीति का इतिहास

भारत का विभाजन मुस्लिम लीग के नेता मुहम्मद अली जिन्ना के दावों के कारण हुआ था, जिन्होंने हिन्दू और मुसलमानों के बीच भिन्नता को स्पष्ट किया। यह दावा आज भी स्थायी है, जिसमें सह-अस्तित्व का कोई स्थान नहीं है।


समाज में जागरूकता की आवश्यकता

राजनीतिक इस्लाम के प्रति गफलत के कारण ही गाँधीजी और कांग्रेस ने खलीफत आंदोलन का समर्थन किया, जिससे इस्लामी अलगाव को बढ़ावा मिला। इस पर विचार करने के बजाय चुप्पी साधी गई, जिससे देश का विभाजन हुआ।


निष्कर्ष

इस्लामी राजनीति की समझ और उसके प्रभाव को नकारना भारत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। राजनीतिक इस्लाम के दावों को चुनौती देना और उन्हें समझना आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े।