राजस्थान में 'आपणी बस' सेवा की शुरुआत: ग्रामीण यात्रियों के लिए राहत
राजस्थान में 'आपणी बस' सेवा का शुभारंभ
राजस्थान में ग्रामीण यात्रियों के लिए एक नई बस सेवा शुरू की गई है: भजन लाल सरकार ने ग्रामीण परिवहन को सस्ता और सुविधाजनक बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आठ साल बाद, ग्रामीण बस सेवा फिर से शुरू की जा रही है, जिससे गांवों से यात्रा करने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। इस नई सेवा का नाम “आपणी बस राजस्थान रोडवेज” रखा गया है। सरकार का मानना है कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा और यात्रियों को कम खर्च में यात्रा करने का अवसर मिलेगा। रोडवेज की यह सेवा 362 रूटों पर संचालित की जाएगी, जिससे ब्लॉक और ज़िला पंचायतों से संपर्क स्थापित किया जा सकेगा।
2016 में बंद हुई थी यह योजना
अक्टूबर से शुरू होगी 'आपणी बस' सेवा:
राजस्थान रोडवेज ने अक्टूबर से 'आपणी बस' सेवा शुरू करने की योजना बनाई है। ये केसरिया रंग की बसें ग्रामीण क्षेत्रों में चलेंगी। पहले भी राजस्थान में ग्रामीण बस सेवा उपलब्ध थी, लेकिन 2016 में इसे बंद कर दिया गया था। इसके बाद कई बार इसे फिर से शुरू करने की कोशिश की गई, लेकिन सफल नहीं हो पाई। भजनलाल सरकार ने 2024-25 के बजट में ग्रामीण बस सेवा को मजबूत करने का ऐलान किया था, जिसके बाद 'आपणी बस' योजना बनाई गई।
निजी बस ऑपरेटरों के साथ समझौता
बसों का रंग होगा भगवा या केसरिया:
इन बसों का रंग भगवा या केसरिया होगा। रोडवेज प्रशासन ने निजी बस ऑपरेटरों के साथ समझौता किया है। यह सेवा 362 रूटों पर चलेगी, जिससे 2100 ग्राम पंचायतों को ब्लॉकों और जिला मुख्यालयों से जोड़ा जाएगा। पहले चरण में बीस बसें चलाने की योजना है।
सरकारी नियंत्रण में निजी बसें
बसें होंगी निजी, लेकिन नियंत्रण सरकारी:
इन बसों का संचालन निजी कंपनियों द्वारा किया जाएगा, लेकिन रोडवेज का पूर्ण नियंत्रण रहेगा। बसें रोडवेज बस अड्डों से सीधे चलेंगी। इसके लिए राजस्व साझा करने का मॉडल अपनाया गया है, जिसमें निजी संचालक रोडवेज को प्रति किलोमीटर 5 से 7 रुपए देंगे। यात्रियों से प्रति किलोमीटर 1.50 रुपए का किराया लिया जाएगा। महिलाओं और बुजुर्गों को रियायत दी जाएगी, जिसका भुगतान रोडवेज प्रशासन करेगा।
सस्ती यात्रा और सुरक्षा सुविधाएं
सस्ती किराए और सुरक्षा सुविधाएं:
ये बसें सस्ती होंगी, यात्रियों को प्रति किलोमीटर 1.50 रुपए का किराया देना होगा। महिलाओं और बुजुर्गों को इस किराए में छूट मिलेगी। 22 से 45 सीटर बसों में GPS, पैनिक बटन और ट्रैकिंग सिस्टम शामिल होंगे। रोडवेज प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जिन रूटों पर ये बसें चलेंगी, वहां अन्य निजी बसों को परमिट नहीं मिलेगा। हालांकि, परिवहन विभाग ने उन्हीं रूटों पर अनुमति दी है। अब यह देखना है कि यात्रियों को कब तक इंतजार करना पड़ेगा जब परिवहन और परिवहन विभाग आपस में समझौता नहीं कर पा रहे हैं। यदि परमिट रद्द नहीं हुए, तो यह बहुप्रतीक्षित ग्रामीण बस सेवा केवल एक 'योजना' बनकर रह जाएगी।