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राजा रघुवंशी मर्डर केस में संजय वर्मा की भूमिका पर सवाल

राजा रघुवंशी हत्या मामले में संजय वर्मा की भूमिका पर नए खुलासे हुए हैं। पुलिस ने सोनम रघुवंशी के कॉल डिटेल्स की जांच की है, जिसमें संजय वर्मा को 112 बार कॉल करने का पता चला है। इस मामले में कई अन्य संदिग्धों की भी जांच की जा रही है। जानें इस मामले में क्या नया सामने आया है और पुलिस की जांच किस दिशा में बढ़ रही है।
 

संजय वर्मा का रहस्य

संजय वर्मा कौन हैं: इंदौर में हुए राजा रघुवंशी हत्या मामले में एक नया और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी के मोबाइल कॉल डिटेल्स से पता चला है कि उसने 1 से 25 मार्च के बीच संजय वर्मा को 112 बार कॉल किया। अब पुलिस को संदेह है कि यह हत्या केवल राज कुशवाह की योजना नहीं थी, बल्कि इसमें संजय वर्मा और अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं।


सोनम की गतिविधियाँ

इससे पहले उजाला यादव नाम की एक युवती ने बताया कि 8 जून की रात जब वह वाराणसी से गाजीपुर जा रही थी, तब उसने सोनम को बस स्टैंड पर दो युवकों के साथ देखा। दोनों युवकों ने अपने चेहरे छिपा रखे थे। सोनम ने उससे गोरखपुर के बारे में पूछा और फिर बस में सवार हो गई। यात्रा के दौरान, सोनम ने उजाला से फोन मांगा, एक नंबर डायल किया और फिर उसे डिलीट कर दिया।


गिरफ्तारी से पहले के संकेत

गाजीपुर के काशी टी स्टॉल के मालिक साहिल यादव ने कहा कि सोनम बदहवास नहीं थी, बल्कि वह एक वाहन से उतरकर दुकान तक पहुंची और वहां से अपने भाई गोविंद को फोन किया। इन गवाहियों और कॉल रिकॉर्ड से यह स्पष्ट हो रहा है कि सोनम अकेली नहीं थी और उसे किसी का सहयोग मिल रहा था।


पुलिस की जांच के सवाल

शिलांग पुलिस अब यह जांच कर रही है कि:



  • क्या संजय वर्मा ने सोनम की मदद की थी?

  • क्या वह वाराणसी तक सोनम के साथ था?

  • क्या वह उजाला द्वारा देखे गए युवकों में से एक था?


इसके अलावा, पुलिस को संदेह है कि सोनम और उसके साथी फर्जी नामों से सिम कार्ड का उपयोग कर कॉलिंग करते थे, ताकि उनकी पहचान छिपी रहे।


हत्या में इस्तेमाल हथियार

पुलिस ने क्राइम सीन रिक्रिएशन के दौरान एक और हथियार बरामद किया है, जो पहले गायब था। पहले से एक हथियार मिल चुका था। पुलिस का कहना है कि राजा की हत्या में दो हथियारों का उपयोग हुआ था।


शिलांग पुलिस ने पहले ही स्पष्ट किया है कि यह सुपारी किलिंग नहीं थी। राज कुशवाह ने अपने दोस्तों – आकाश, आनंद और विशाल को हत्या के लिए तैयार किया और केवल ₹59,000 खर्च किए। राजा की हत्या की योजना पहले तीन बार नाकाम रही थी – गुवाहाटी, नोंघरियाह और मावलखियात में। चौथी बार 23 मई को वैसेडॉन्ग फॉल्स के पास हत्या को अंजाम दिया गया।