राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: राजनीतिक हलचल का नया दौर
राज्यसभा अध्यक्ष का अचानक इस्तीफा
सोमवार रात, राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने बिना किसी पूर्व सूचना के राष्ट्रपति भवन जाकर अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस अप्रत्याशित कदम ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। उनके इस निर्णय ने न केवल सत्ताधारी दल को चुप्पी में डाल दिया, बल्कि विपक्ष के लिए भी नई चर्चाओं का विषय बना दिया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर धनखड़ के लिए शुभकामनाएं भेजी, लेकिन यह प्रतिक्रिया लगभग 15 घंटे की चुप्पी के बाद आई। केंद्रीय मंत्रिमंडल के कई वरिष्ठ नेता, जैसे अमित शाह और राजनाथ सिंह, भी इस मुद्दे पर चुप रहे। केवल कुछ नेता, जैसे रवि किशन, ने विपक्ष को स्वास्थ्य मुद्दों पर राजनीति से दूर रहने की सलाह दी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सरकार इस स्थिति को जल्दी संभालना चाहती है, इसलिए प्रमुख नेता खुलकर कुछ बोलने से बच रहे हैं। इस घटनाक्रम पर मीडिया और राजनेताओं में कई अटकलें लगाई जा रही हैं। चर्चा है कि विपक्ष द्वारा जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकार करना सरकार के लिए असहज स्थिति बन गया।
सूत्रों के अनुसार, धनखड़ को एक फोन कॉल के माध्यम से इस मुद्दे पर आपत्ति जताई गई, जिससे उन्होंने व्यक्तिगत रूप से अपमानित महसूस किया। अपनी कड़क छवि के लिए जाने जाने वाले धनखड़ ने सरकार की नाखुशी के बीच इस्तीफा देने का निर्णय लिया। उनके इस कदम से यह भी संकेत मिलता है कि वे सरकार के निर्णयों और राजनीतिक परिस्थितियों से संतुष्ट नहीं थे।