राज्यसभा ने ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 को मंजूरी दी, जानें सजा और जुर्माने के प्रावधान
ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 का पारित होना
आज राज्यसभा ने मॉनसून सत्र के अंतिम दिन ऑनलाइन गेमिंग (प्रोत्साहन और नियमावली) बिल 2025 को मंजूरी दे दी। इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग पर रोक लगाना है, साथ ही यह ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को विनियमित करने और ई-स्पोर्ट्स तथा ऑनलाइन सोशल गेमिंग को बढ़ावा देने का प्रयास करता है। इस बिल में नियमों का उल्लंघन करने पर कठोर दंड और जुर्माने का प्रावधान भी शामिल है।
नियमों के उल्लंघन पर सजा और जुर्माना
1. पैसे देकर गेम खेलने पर 3 साल की सजा या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
2. भ्रामक विज्ञापनों के लिए 2 साल तक की जेल या 50 लाख रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
3. अनधिकृत लेनदेन (धारा 7) पर 3 साल तक की जेल या 1 करोड़ रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
4. बार-बार अपराध करने पर इसे धारा 5 और धारा 7 का उल्लंघन माना जाएगा, जिसमें 3 साल की जेल, जिसे बढ़ाकर 5 साल तक किया जा सकता है, और 1 करोड़ रुपये का जुर्माना, जिसे बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये किया जा सकता है।
धारा 6 (विज्ञापन): न्यूनतम 2 साल की जेल, जिसे बढ़ाकर 3 साल तक किया जा सकता है, और 50 लाख रुपये का जुर्माना, जिसे बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये तक किया जा सकता है।
5. संज्ञेय और गैर-संज्ञेय अपराधों के लिए
धारा 5 और 7 के तहत आने वाले अपराधों को संज्ञेय और गैर-संज्ञेय अपराध माना जाएगा। इसके तहत पुलिस बिना किसी पूर्व अनुमति के केस दर्ज कर सकती है, जब्त कर सकती है और गिरफ्तार कर सकती है। जमानत भी आसानी से नहीं मिलेगी।
6. कंपनी और निदेशकों की जिम्मेदारी
यदि कोई कंपनी दोषी पाई जाती है, तो कंपनी और उस समय कंपनी का संचालन कर रहे अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। जानबूझकर अपराध की अनुमति देने वाले निदेशकों, प्रबंधकों और अधिकारियों को सजा दी जाएगी। स्वतंत्र और गैरकार्यकारी निदेशकों को सुरक्षा दी गई है।
7. सरकारी आदेशों का पालन न करने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना। इसके अलावा, निलंबन और रजिस्ट्रेशन का रद्दीकरण और ऑनलाइन गेम्स के प्रमोशन और खेलने पर एक निश्चित समय के लिए रोक भी अतिरिक्त जुर्माने के तौर पर लगाई जा सकती है।