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राज्यसभा में गरमाई चर्चा: गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद पर दिया कड़ा जवाब

राज्यसभा में बुधवार को 'ऑपरेशन सिंदूर' और पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की कड़ी प्रतिक्रिया का जिक्र किया। विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई, जिसके चलते कई विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट किया। शाह ने लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी दी और सभी सुरक्षा एजेंसियों की सराहना की। जानें इस बहस के प्रमुख बिंदु और राजनीतिक टकराव के बारे में।
 

राज्यसभा में गर्मागर्म बहस

बुधवार को राज्यसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' और पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर चर्चा ने तूल पकड़ लिया। गृह मंत्री अमित शाह ने इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि भारत ने आतंकवादियों और पाकिस्तान को सख्त जवाब दिया है। जैसे ही शाह ने अपनी बात शुरू की, विपक्ष ने प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति पर विरोध जताते हुए नारेबाजी की, जिसमें 'प्रधानमंत्री सदन में आओ' शामिल था।


पीएम मोदी की अनुपस्थिति पर विपक्ष का गुस्सा

कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति को सदन का अपमान करार दिया। उन्होंने मांग की कि नरेंद्र मोदी खुद आकर जवाब दें, क्योंकि कई मुद्दे सीधे उनसे जुड़े हैं। इस पर अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय में हैं और सब कुछ देख रहे हैं। उन्होंने विपक्ष पर तंज करते हुए कहा, 'क्या उन्हें पीएम को सुनने का ज्यादा शौक है?'


विपक्ष का वॉकआउट

गृह मंत्री की बातों से असंतुष्ट कांग्रेस, टीएमसी और आरजेडी जैसे विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। शाह ने कहा कि यह तय होता है कि सरकार किसके माध्यम से जवाब देगी और विपक्ष की मांगें गलत हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष इसलिए वॉकआउट करता है क्योंकि वे सच्चाई नहीं सुन सकते।


'ऑपरेशन महादेव' और आतंकियों का सफाया

अमित शाह ने बताया कि इस ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों को मार गिराया गया, जिनमें सुलेमान भी शामिल था, जिसने पहलगाम में हमला किया था। जांच में यह पुष्टि हुई कि हमले में जिन राइफलों का इस्तेमाल हुआ, वही मारे गए आतंकियों से बरामद की गईं।


लश्कर के ठिकानों पर करारा वार

गृह मंत्री ने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय को नष्ट किया गया। यह सब कुछ हमारी सेना, पुलिस, सीआरपीएफ, एनआईए और एफएसएल के संयुक्त प्रयासों से संभव हुआ। उन्होंने सभी एजेंसियों को सफल ऑपरेशन के लिए बधाई दी।


सत्ता और विपक्ष के बीच टकराव

राज्यसभा की यह चर्चा न केवल सुरक्षा बलों की कार्रवाई पर केंद्रित थी, बल्कि सत्ता और विपक्ष के बीच एक बार फिर तीखा टकराव देखने को मिला। जहां शाह ने सेना की सफलता को उजागर किया, वहीं विपक्ष ने प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति पर सवाल उठाए।