राहुल गांधी का कांग्रेस में बदलाव: दलित और पिछड़े नेताओं की नियुक्ति
कांग्रेस में ढांचागत परिवर्तन
राहुल गांधी वास्तव में कांग्रेस पार्टी में महत्वपूर्ण ढांचागत परिवर्तन कर रहे हैं। उन्हें यह एहसास है कि केवल कुछ प्रतीकात्मक निर्णय लेने से काम नहीं चलेगा। इसलिए, वे लगातार विभिन्न राज्यों में दलित और पिछड़े वर्ग के अध्यक्षों की नियुक्ति कर रहे हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद, राहुल ने कई राज्यों में दलित या पिछड़े नेताओं को अध्यक्ष बनाया है। हाल ही में हिमाचल प्रदेश में विनय कुमार को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जो पहले विधानसभा के डिप्टी स्पीकर थे। उन्हें इस्तीफा देकर अध्यक्ष बनाया गया है और वे दलित समुदाय से आते हैं। वे पूर्व मुख्यमंत्री वीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह की जगह लेंगे।
परंपराओं में बदलाव
हिमाचल प्रदेश में आमतौर पर राजपूत या ब्राह्मण समुदाय के नेताओं को अध्यक्ष बनाया जाता रहा है। मुख्यमंत्री भी अक्सर इन्हीं समुदायों से होते हैं। इससे पहले, राहुल ने बिहार में अगड़ी जाति के नेता अखिलेश प्रसाद सिंह को हटाकर दलित नेता राजेश राम को अध्यक्ष बनाया। राजेश राम पिछले दो चुनावों में जीत हासिल कर चुके थे, लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस ने पिछले दो चुनावों में क्रमशः 27 और 19 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार उनकी सीटों की संख्या घटकर छह रह गई। इसके अलावा, झारखंड में भी राहुल ने अगड़ी जाति के राजेश ठाकुर को हटाकर पिछड़ी जाति के केशव महतो कमलेश को अध्यक्ष बनाया। हरियाणा में दलित अध्यक्ष उदय भान को हटाकर पिछड़ी जाति के राव नरेंद्र को अध्यक्ष बनाया गया है, जो यादव समुदाय से आते हैं। दिल्ली में भी देवेंद्र यादव को अध्यक्ष बनाया गया है।