राहुल गांधी का बिहार दौरा: महागठबंधन में दरार या एकता?
राहुल गांधी का प्रचार अभियान
महागठबंधन में सीटों के बंटवारे और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के बाद, राहुल गांधी बिहार में प्रचार के लिए पहुंचे। उन्होंने 29 अक्टूबर को दो जनसभाएं कीं, जिसमें तेजस्वी यादव भी उनके साथ थे। यह संकेत देता है कि दोनों दलों के बीच सब कुछ ठीक है और महागठबंधन एकजुट होकर चुनाव में उतर रहा है। लेकिन अगर गहराई से देखा जाए, तो यह स्पष्ट है कि राहुल गांधी और कांग्रेस का एजेंडा अभी भी अधूरा है।
तीन महीने तक गठबंधन की घोषणा, सीटों का बंटवारा और तेजस्वी के नाम की घोषणा को लटकाने के बावजूद, कांग्रेस इस चुनाव में राजद को कमजोर करने की कोशिश में लगी हुई है। लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव ने सीटों के बंटवारे में कांग्रेस को जो स्थिति दी है, उससे पार्टी के नेता नाराज हैं। महागठबंधन का घोषणापत्र ‘तेजस्वी प्रण’ के नाम से जारी हुआ, लेकिन वहां कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और प्रभारी कृष्णा अल्लावरू मौजूद नहीं थे।
तेजस्वी की घोषणाएं और कांग्रेस की चुप्पी
जब राहुल गांधी प्रचार के लिए आए, तो उन्होंने ‘तेजस्वी प्रण’ के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की। तेजस्वी की सबसे बड़ी घोषणा हर परिवार को एक सरकारी नौकरी देने की है, लेकिन इस पर राहुल और अन्य कांग्रेस नेता चुप हैं। तेजस्वी ने वक्फ कानून को समाप्त करने की बात कही है, लेकिन राहुल इस पर भी मौन हैं। हालांकि, कांग्रेस के सांसद तारिक अनवर ने तेजस्वी का समर्थन किया, लेकिन यह समर्थन चुनाव क्षेत्र कटिहार में दिया गया था, जो कांग्रेस की नीति के अनुरूप नहीं है।
इस बार मुसलमानों में राजद के प्रति असंतोष देखा जा रहा है। सीमांचल के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में राजद की चर्चा कम है, जबकि कांग्रेस की चर्चा अधिक है। वहां असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआईएम और प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी भी चर्चा में हैं। महागठबंधन के तीन सांसद, मोहम्मद जावेद, तारिक अनवर और पप्पू यादव, सभी कांग्रेस के हैं।
राहुल का तेजस्वी पर कटाक्ष
राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव को पंक्चर करने का एक उदाहरण पेश किया जब उन्होंने कहा, ‘देश के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी की शादी में मैं नहीं गया, लेकिन नरेंद्र मोदी गए।’ इस पर तेजस्वी का चेहरा देखने लायक था। क्या राहुल को यह नहीं पता था कि लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी सहित परिवार के कई सदस्य उस शादी में गए थे? यह निश्चित रूप से राहुल को पता होगा।
राहुल का यह बयान चुनाव को मोदी बनाम राहुल बनाने की कोशिश का हिस्सा है। कांग्रेस बार-बार मोदी का नाम लेकर एनडीए को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है।