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राहुल गांधी का बीजेपी पर गंभीर आरोप: क्या चुनावों में हुई वोट चोरी?

राहुल गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र में बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने लोकसभा चुनावों में वोट चोरी की है। उन्होंने दावा किया कि कई राज्यों में नए मतदाताओं की संख्या बढ़ी है, लेकिन सभी वोट बीजेपी के पक्ष में गए। इसके अलावा, उन्होंने चुनाव आयोग से शिकायत की है, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिलने का आरोप लगाया। इस दौरान बटोही रिसॉर्ट में उनके कार्यक्रम से पहले विरोध प्रदर्शन भी हुआ। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
 

राहुल गांधी का संसदीय दौरा

राहुल गांधी: लोकसभा में विपक्ष के नेता और रायबरेली के सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने लोकसभा चुनावों में वोटों की चोरी की है। राहुल गांधी ने यह भी दावा किया कि महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक जैसे कई राज्यों में इस गड़बड़ी का पता चला है।


बीजेपी पर आरोपों की बौछार

राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस के वोटों में कोई कमी नहीं आई, जबकि बीजेपी के वोट अचानक बढ़ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह बढ़त उन क्षेत्रों में हुई जहां नए मतदाता जुड़े, और लगभग सभी नए मतदाता बीजेपी के पक्ष में गए।


डिडौली में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए

डिडौली में बूथ कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में उनका गठबंधन विजयी रहा था, लेकिन चार महीने बाद स्थिति बदल गई। उन्होंने कहा कि लगभग एक करोड़ नए मतदाता चुनावी प्रक्रिया में जोड़े गए, और ये सभी वोट बीजेपी के खाते में चले गए। उन्होंने इसे स्पष्ट रूप से वोट चोरी करार दिया।


चुनाव आयोग से शिकायत

राहुल गांधी ने इस मामले की शिकायत चुनाव आयोग से की है, लेकिन उनका आरोप है कि आयोग ने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया और नए मतदाताओं की लिस्टिंग पर उठाए गए सवालों को नजरअंदाज किया।


बटोही रिसॉर्ट में हंगामा

राहुल गांधी का पहला कार्यक्रम रायबरेली के बटोही रिसॉर्ट में बूथ अध्यक्षों के साथ बैठक का था। लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री निदेश प्रताप सिंह अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए। धरना स्थल पर मौजूद समर्थक 'राहुल गांधी वापस जाओ' के नारे लगाते हुए तख्तियां लिए हुए थे। प्रशासन ने मंत्री और उनके समर्थकों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने।


प्रशासनिक हस्तक्षेप

प्रशासनिक हस्तक्षेप के बावजूद विरोध जारी रहा और राहुल गांधी का काफिला बीच रास्ते में रुक गया। काफी देर तक तनाव और बातचीत के बाद प्रशासन ने राहुल गांधी के काफिले को हाईवे के दूसरे लेन से निकाला।