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राहुल गांधी का हाइड्रोजन बम: कब होगा विस्फोट?

राहुल गांधी ने हाल ही में वोट चोरी के खिलाफ एक 'हाइड्रोजन बम' का दावा किया है, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। उन्होंने कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर एक लाख वोटों की चोरी का आरोप लगाया है। अब सवाल यह है कि वह कब इस बम का विस्फोट करेंगे और क्या कांग्रेस के पास इस मुद्दे को उठाने की सही रणनीति है? जानिए इस मुद्दे पर और क्या सवाल उठ रहे हैं और कांग्रेस की स्थिति क्या है।
 

राहुल गांधी की चेतावनी का असर

राहुल गांधी ने दो हफ्ते पहले एक विवादास्पद बयान दिया था, जिसमें उन्होंने वोट चोरी के खिलाफ अपने पास एक 'हाइड्रोजन बम' होने का दावा किया। सितंबर के पहले सप्ताह में दिए गए इस बयान में उन्होंने कहा था कि यदि यह बम फटा, तो सब कुछ समाप्त हो जाएगा। इसके बाद से राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा हो रही है कि वह किस प्रकार का सबूत पेश करेंगे। उन्होंने कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर एक लाख वोटों की चोरी का आरोप लगाया था, और अब यह जानने की उत्सुकता है कि उनका अगला कदम क्या होगा।


कुछ अटकलें यह भी हैं कि राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट का आंकड़ा पेश कर सकते हैं, जहां कांग्रेस के उम्मीदवार अजय राय ने दावा किया था कि वह चुनाव में आगे थे, लेकिन वोट चोरी के कारण हार गए।


इस बीच, सवाल यह उठता है कि राहुल गांधी कब इस 'हाइड्रोजन बम' का विस्फोट करेंगे? क्या वह बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं? कांग्रेस के नेता इस बात का अनुमान लगा रहे हैं कि चुनाव नजदीक आने पर राहुल नए आरोपों का खुलासा करेंगे।


कांग्रेस की रणनीति पर सवाल

हालांकि, यह भी ध्यान देने योग्य है कि महादेवपुरा में एक लाख वोटों की चोरी के सबूत पेश करने के बाद कांग्रेस ने क्या कदम उठाए, यह स्पष्ट नहीं है। पार्टी के पास कोई ठोस फॉलोअप सिस्टम नहीं है। राहुल गांधी अक्सर आरोप लगाकर आगे बढ़ जाते हैं, और पार्टी उस पर ध्यान नहीं देती।


यदि कांग्रेस के पास महादेवपुरा में हुई वोट चोरी के ठोस सबूत हैं, तो उन्होंने इसे मुद्दा क्यों नहीं बनाया? उनकी लड़ाई कागजों तक सीमित रह गई है, जबकि उन्हें जमीनी स्तर पर भी सक्रिय होना चाहिए था।


कांग्रेस को चाहिए था कि वह महादेवपुरा में आंदोलन छेड़े, और इस मुद्दे को अदालत में चुनौती देती। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। राहुल गांधी ने महादेवपुरा का खुलासा करने के बाद बिहार में यात्रा करने का निर्णय लिया। यदि उन्हें लगता है कि भाजपा ने महाराष्ट्र और हरियाणा में वोट चोरी की है, तो उन्हें इन आरोपों को ठोस परिणाम तक पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए।