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राहुल गांधी की नेता प्रतिपक्ष के रूप में एक साल की नियुक्ति पर भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया

राहुल गांधी की नेता प्रतिपक्ष के रूप में नियुक्ति को एक साल पूरा होने पर भाजपा नेताओं ने उन्हें अयोग्य बताया है। इस दौरान भारतीय राजनीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं। भाजपा प्रवक्ताओं ने राहुल गांधी की भूमिका पर तीखी टिप्पणियाँ की हैं, यह कहते हुए कि वह संसद में ठीक से कार्य नहीं कर पा रहे हैं। कांग्रेस ने 2024 के आम चुनाव में 99 सीटों के साथ सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनने का दावा किया है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
 

राहुल गांधी की नियुक्ति पर भाजपा का बयान

नेता प्रतिपक्ष के रूप में राहुल गांधी की नियुक्ति को पिछले महीने एक वर्ष पूरा हुआ। इस अवसर पर कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा किया, जिसके बाद भाजपा नेताओं ने उन्हें इस भूमिका के लिए 'अयोग्य' करार दिया।


पिछले एक साल में भारतीय राजनीति में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं, और इस दौरान राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस और विपक्ष की भूमिका पर भाजपा नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।


गुजरात के भाजपा प्रवक्ता रोहन गुप्ता ने कहा कि पिछले एक साल में देश का राजनीतिक परिदृश्य काफी बदल गया है। लोकसभा चुनाव से पहले 'इंडी' गठबंधन की बैठक में यह धारणा बनी थी कि भाजपा हार रही है या एनडीए पिछड़ रहा है। लेकिन पिछले एक साल के चुनाव परिणामों ने लोगों के फैसले को स्पष्ट कर दिया है।


उन्होंने आगे कहा कि जनता ने दिखा दिया है कि दोनों पक्षों की राजनीति और विचारधाराओं में क्या अंतर है। भाजपा के नेताओं को लगता है कि तुष्टिकरण की राजनीति से ही वे अपनी नैया को बचा सकते हैं, इसलिए वे इस दिशा में बढ़ रहे हैं।


पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता निशिथ प्रामाणिक ने कहा कि राहुल गांधी ने विपक्ष के नेता के रूप में एक वर्ष पूरा कर लिया है। मुझे लगता है कि जब तक वह यह नहीं समझेंगे कि संसद कैसे काम करती है, तब तक उनका पांच साल का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।


भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार ने कहा कि राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष की भूमिका नहीं निभा सकते, वह केवल गड़बड़ी कर सकते हैं। वह संसद में ठीक से बैठ नहीं पा रहे हैं।


साल 2024 के आम चुनाव में कांग्रेस 99 सीटों के साथ सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनी है। भाजपा की 240 और एनडीए की 293 सीटों के मुकाबले 'इंडिया' ब्लॉक 232 सीटें जीतने में सफल रहा। इससे पहले 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने केवल 52 सीटें जीती थीं, जबकि 2014 में पार्टी ने सिर्फ 44 सीटों पर जीत हासिल की थी।