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राहुल गांधी की 'मतदाता अधिकार यात्रा': बिहार से शुरू होगा लोकतांत्रिक आंदोलन

राहुल गांधी ने बिहार के सासाराम से 'मतदाता अधिकार यात्रा' की शुरुआत की है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा और चुनावी ईमानदारी को बढ़ावा देने के लिए है। यह यात्रा 16 दिनों तक चलेगी और विभिन्न क्षेत्रों में जनसभाओं के माध्यम से लोगों को जोड़ने का प्रयास करेगी। कांग्रेस का मानना है कि यह यात्रा एक जन आंदोलन है, जो वंचित समुदायों की आवाज को मजबूती प्रदान करेगी। यात्रा का समापन 1 सितंबर को पटना में एक भव्य रैली के साथ होगा।
 

राहुल गांधी का नया अभियान

राहुल गांधी: लोकतांत्रिक मूल्यों की सुरक्षा और चुनावी पारदर्शिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी बिहार के सासाराम से अपनी बहुप्रतीक्षित 'मतदाता अधिकार यात्रा' की शुरुआत करेंगे। यह यात्रा 16 दिनों तक चलेगी और इसका उद्देश्य मतदाता सूचियों से नाम हटाने और व्यवस्थित वोट चोरी के खिलाफ आवाज उठाना है।


बिहार में लोकतांत्रिक जागरूकता

इस यात्रा की शुरुआत बिहार से की जा रही है, क्योंकि यहाँ मताधिकार से वंचित होने की गंभीर शिकायतें सामने आई हैं। यात्रा का समापन 1 सितंबर को पटना में एक बड़ी रैली के साथ होगा, जिसे कांग्रेस लोकतांत्रिक संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मोड़ मानती है।


इंडिया अलायंस की एकजुटता

यह यात्रा इंडिया अलायंस के तहत आयोजित की जा रही है, जिसमें राजद के नेता तेजस्वी यादव सहित कई विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। कांग्रेस का कहना है कि यह केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन है, जो गरीबों, दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और वंचित समुदायों की आवाज को मजबूती प्रदान करेगा।


यात्रा का कार्यक्रम

पार्टी द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, यह यात्रा 17 अगस्त को सासाराम से शुरू होकर 1,300 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। यात्रा के दौरान अंबा-कुंडुम्बा, वजीरगंज, शेखपुरा, मुंगेर, कटिहार, सुपौल, दरभंगा, सीतामढ़ी, बेतिया और छपरा जैसे प्रमुख क्षेत्रों से गुजरेगी। हर स्थान पर सभाओं और संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से जनता को जोड़ा जाएगा।


'मतदाता अधिकार यात्रा' कार्यक्रम


    चुनाव आयोग पर सवाल

    दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा और चुनाव आयोग के बीच मिलीभगत के कारण मतदाता सूचियों में हेरफेर हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह केवल वोट की चोरी नहीं, बल्कि पहचान की चोरी भी है, जिससे समुदायों को चुनावी प्रक्रिया और सरकारी योजनाओं से वंचित किया जा रहा है।


    सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप का हवाला

    खेड़ा ने बताया कि विपक्ष और नागरिक समाज की शिकायतों के बाद सुप्रीम कोर्ट के दबाव में चुनाव आयोग को जांच के लिए मजबूर होना पड़ा। कांग्रेस का कहना है कि यह यात्रा जनता को उनके संवैधानिक अधिकारों के महत्व का एहसास दिलाने और लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।


    राहुल गांधी की राजनीतिक रणनीति

    यह यात्रा राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की याद दिलाती है, जिसने देश की राजनीतिक दिशा पर गहरा प्रभाव डाला था। कांग्रेस मानती है कि राहुल गांधी एक बार फिर जनता की नब्ज पकड़ रहे हैं और लोकतंत्र में छुपी सत्तावादी प्रवृत्तियों को चुनौती दे रहे हैं।