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राहुल गांधी की युवा अपील: क्या ‘जेन जी’ बचाएंगे लोकतंत्र?

राहुल गांधी ने हाल ही में युवाओं को संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रेरित किया है, लेकिन डूसू चुनाव में कांग्रेस की हार ने उनकी अपील की प्रभावशीलता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि युवा यदि वोट चोरी के बारे में जानेंगे, तो वे इसे सहन नहीं करेंगे। हालांकि, चुनाव परिणाम दर्शाते हैं कि युवा जाति और धर्म से परे कुछ नहीं देख रहे हैं। क्या राहुल की अपील युवा वर्ग को जागरूक कर पाएगी? जानें पूरी कहानी में।
 

राहुल गांधी का युवा वर्ग पर जोर

राहुल गांधी ने अपने राजनीतिक एजेंडे के तहत एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि 'जेन जी', अर्थात 13 से 28 वर्ष के युवा, संविधान की रक्षा करेंगे, लोकतंत्र को बनाए रखेंगे और वोटों की चोरी को रोकेंगे। इस मुद्दे पर उन्होंने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में विशेष जोर दिया। राहुल ने 18 सितंबर को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बार-बार यह कहा कि यदि युवा जानेंगे कि उनके वोटों की चोरी हो रही है, तो वे इसे सहन नहीं करेंगे। यह स्पष्ट था कि उनका उद्देश्य युवाओं में गुस्सा जगाना था। लेकिन एक बड़ी चुनौती यह है कि देश की राजनीति में विचारधारा और धर्म के आधार पर विभाजन इतना गहरा हो चुका है कि युवा जाति और धर्म से परे कुछ नहीं देख पा रहे हैं। इसीलिए, राहुल गांधी की अपील का दिल्ली के युवाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।


डूसू चुनाव में कांग्रेस की हार

राहुल गांधी ने गुरुवार को युवाओं के मुद्दों पर कई बातें कीं। लेकिन शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के चुनाव में, युवाओं ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को वोट दिया। डूसू के केंद्रीय पैनल के चार पदों में से कांग्रेस को केवल एक उपाध्यक्ष पद पर जीत मिली, और वह भी बहुत कम अंतर से। जबकि अन्य तीन सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार भारी अंतर से हार गए। अध्यक्ष पद की हार का अंतर 50 प्रतिशत से अधिक था। यह स्पष्ट रूप से 'जेन जी' का जनादेश था। हालांकि, कांग्रेस के नेता वहां भी वोट चोरी के आरोप लगाने लगे हैं, लेकिन असली समस्या कांग्रेस संगठन की कमजोरी और नेताओं के बीच आपसी संघर्ष है।