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राहुल गांधी की सुरक्षा प्रोटोकॉल पर विवाद: कांग्रेस और भाजपा के बीच तकरार

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सीआरपीएफ द्वारा भेजे गए पत्र में राहुल गांधी की विदेश यात्राओं के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल के उल्लंघन का जिक्र किया गया है। भाजपा नेता रोहन गुप्ता ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वीआईपी को सुरक्षा के नियमों का पालन करना चाहिए। इस मुद्दे पर कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी की राजनीतिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने की कोशिश की जा रही है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और दोनों पक्षों की प्रतिक्रियाएँ।
 

सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन: मामला गरमाया


कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सीआरपीएफ द्वारा भेजे गए पत्र में राहुल गांधी की विदेश यात्राओं के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल के उल्लंघन का उल्लेख किया गया है, जिससे मामला और भी गर्म हो गया है। भाजपा नेता रोहन गुप्ता ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, "जब किसी वीआईपी को सुरक्षा प्रदान की जाती है, तो यह उनकी जिम्मेदारी भी होती है कि वे एजेंसी का पूरा सहयोग करें और सभी नियमों का पालन करें। सुरक्षा का मतलब यह नहीं है कि अगर कोई गड़बड़ी होती है, तो केवल एजेंसी जिम्मेदार होगी। वीआईपी को भी नियमों की जानकारी होनी चाहिए ताकि कोई अनहोनी न हो।"


भाजपा का यह बयान ऐसे समय आया है जब राहुल गांधी पर पहले भी एसपीजी और सीआरपीएफ सुरक्षा दिशा निर्देशों के उल्लंघन के आरोप लगते रहे हैं। पार्टी का कहना है कि राहुल गांधी अक्सर बिना पूर्व सूचना दिए अचानक भीड़ में शामिल हो जाते हैं, जिससे सुरक्षा एजेंसी के लिए खतरा बढ़ जाता है। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं और जनता से सीधा संवाद करना उनकी प्राथमिकता है।


कांग्रेस का यह भी कहना है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल का बहाना बनाकर राहुल गांधी की राजनीतिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने की कोशिश की जा रही है। अब सीआरपीएफ की चिट्ठी के सामने आने के बाद यह बहस फिर से तेज हो गई है कि सुरक्षा और राजनीतिक स्वतंत्रता के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए।