राहुल गांधी के आरोपों पर किरण रिजिजू और वायुसेना प्रमुख का जवाब: क्या है सच्चाई?
राहुल गांधी का आरोप
Kiren Rijiju on Rahul Gandhi : लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मानसून सत्र के दौरान 'ऑपरेशन सिन्दूर' पर चर्चा करते हुए केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना को पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम पर हमला करने की अनुमति नहीं दी गई थी। उनका कहना था, “आपने वायुसेना को पाकिस्तान भेजा, हमला करने को कहा, लेकिन ये भी कह दिया कि पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम पर हमला मत करना। इसका मतलब ये हुआ कि आपने हमारे पायलटों से कहा कि बिना सुरक्षा तोड़े हमला करो यानी आपने उनके हाथ पीछे बांध दिए।” यह बयान उस समय आया जब 'ऑपरेशन सिन्दूर' पर चर्चा चल रही थी।
वायुसेना प्रमुख का खंडन
हम पर कोई रोक नहीं थी...वायुसेना प्रमुख
भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने राहुल गांधी के आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया। उन्होंने 9 अगस्त को बेंगलुरु में आयोजित एयर चीफ मार्शल एल.एम. काटरे मेमोरियल लेक्चर में कहा, “सरकार की तरफ से हमें पूरी छूट दी गई थी। किसी भी तरह की कोई पाबंदी नहीं लगाई गई। राजनीतिक नेतृत्व की ओर से स्पष्ट निर्देश मिले थे।” उन्होंने यह भी कहा, “यह सफलता राजनीतिक इच्छाशक्ति की वजह से ही संभव हुई। हमने अपने नियम खुद तय किए, कि कितनी प्रतिक्रिया देंगे, कितना आगे बढ़ना है। किसी ने हम पर कोई रोक नहीं लगाई थी।” हालांकि उन्होंने किसी राजनेता का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका बयान राहुल गांधी के आरोपों के जवाब के रूप में देखा जा रहा है.
किरण रिजिजू की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता किरण रिजिजू ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, “राहुल गांधी जी, मैं आपसे निवेदन करता हूं कि आप भारत की संसद की गरिमा बनाए रखें। आप बार-बार झूठ क्यों बोलते हैं? मैंने कई विपक्ष के नेताओं को देखा है, जिन्होंने संसद की मर्यादा बनाए रखी, लेकिन आपने न केवल अपनी गरिमा गिराई, बल्कि भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाया है।” उन्होंने यह भी कहा कि संसद के मंच से झूठे आरोप लगाना देश की सुरक्षा एजेंसियों और सैनिकों के मनोबल को कमजोर करता है.
वायुसेना प्रमुख का बयान
वायुसेना प्रमुख की बात का मतलब क्या है?
एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह का बयान यह स्पष्ट करता है कि ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान वायुसेना को पूरी छूट दी गई थी। सभी रणनीति और फैसले सेना ने खुद लिए थे। सरकार ने किसी भी प्रकार की पाबंदी नहीं लगाई थी। 'सेल्फ इम्पोज़्ड लिमिटेशन' यानी जो सीमाएं थीं, वो सेना ने खुद तय की थीं, किसी राजनीतिक आदेश से नहीं.
राजनीति और सेना पर बयानबाज़ी में टकराव
राजनीति और सेना पर बयानबाज़ी में टकराव
राहुल गांधी के बयान और उस पर किरण रिजिजू व IAF प्रमुख की प्रतिक्रिया ने एक बार फिर से राजनीतिक और सैन्य विषयों को लेकर बहस छेड़ दी है। सवाल यह उठता है कि क्या राजनीतिक मंचों पर सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील बातों को इस तरह उठाना उचित है? और क्या इससे सेना के मनोबल और देश की अंतरराष्ट्रीय छवि पर असर पड़ता है?