राहुल गांधी के चुनाव आयोग पर आरोप: वोट चोरी की जांच में नया मोड़
राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर आरोप
राहुल गांधी और चुनाव आयोग: कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में चुनाव आयोग पर वोट चोरी के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक प्रजेंटेशन पेश किया, जिसमें लोकसभा और विधानसभा चुनावों में फर्जी मतदान के मामलों का जिक्र किया गया। इन आरोपों के बाद चुनाव आयोग और राहुल गांधी के बीच विवाद बढ़ गया है। आयोग ने राहुल से साक्ष्य प्रस्तुत करने और शपथ पत्र भरने को कहा है, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया है। शपथ पत्र भरने के साथ उन्हें कुछ घोषणाएं भी करनी होंगी।
शपथ पत्र का प्रारूप
कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने शपथ पत्र का एक प्रारूप जारी किया है, जिसमें रजिस्ट्रेशन ऑफ इलेक्टर्स रूल्स 1960 के नियम 20 और आरपी एक्ट 1950 की धारा 31 का उल्लेख किया गया है। यदि राहुल गांधी इस शपथ पत्र को भरते हैं, तो वे इन धाराओं के दायरे में आ जाएंगे।
आरपी एक्ट 1950 की धारा 31
आरपी एक्ट 1950 की धारा 31 क्या है?
आरपी एक्ट 1950 की धारा 31 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति मतदाता सूची में सुधार या संशोधन के लिए घोषणा कर सकता है। यदि कोई व्यक्ति झूठी घोषणा करता है, तो यह दंडनीय अपराध है, जिसमें एक साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान है।
BNS 2023 की धारा 227
BNS 2023 की धारा 227 का महत्व
भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 227 झूठे साक्ष्य देने से संबंधित है। यदि कोई जानबूझकर झूठे साक्ष्य प्रस्तुत करता है, तो यह आपराधिक मामला बनता है, जिसमें 3 साल तक की कैद या 5,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
राहुल गांधी के आरोप
राहुल गांधी ने क्या कहा?
राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि विधानसभा चुनाव में 1,00,250 वोटों की चोरी हुई है। उन्होंने अवैध पते, बल्क वोटर और फर्जी मतदाताओं का जिक्र किया। इसके अलावा, उन्होंने वोट चोरी के खिलाफ एक अभियान भी शुरू किया है, जिसमें एक पोर्टल http://votechori.in/ लॉन्च किया गया है।
राहुल गांधी का वचन
राहुल गांधी का बयान
चुनाव आयोग के नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए, राहुल गांधी ने कहा कि वह एक नेता हैं और जो कुछ भी वह जनता से कहते हैं, वही उनका वचन है। उन्होंने कहा कि उनका यह बयान सार्वजनिक रूप से शपथ के समान है।