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राहुल गांधी के चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप: क्या है सच?

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि कई राज्यों में मतदाता सूची में गड़बड़ियां हैं। उन्होंने कर्नाटक के महादेवपुरा क्षेत्र में फर्जी मतदाताओं की संख्या का जिक्र किया। चुनाव आयोग ने इन आरोपों को 'फेक न्यूज़' करार दिया है और सभी राज्यों की मतदाता सूचियों को सार्वजनिक किया है। मुख्य चुनाव अधिकारियों ने गांधी से सबूत मांगे हैं, जबकि गांधी ने अपनी शपथ का हवाला देते हुए आयोग पर निष्पक्षता की कमी का आरोप लगाया है। यह विवाद भारतीय चुनावी प्रणाली में बढ़ते अविश्वास को दर्शाता है।
 

राहुल गांधी का आरोप

कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग (EC) पर गंभीर आरोप लगाए, जिसे उन्होंने 'एटम बम' के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में मतदाता सूची में गंभीर गड़बड़ियां हैं। विशेष रूप से, उन्होंने कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र का उल्लेख करते हुए दावा किया कि वहां 1 लाख से अधिक फर्जी मतदाता मौजूद हैं, जिससे बीजेपी को लोकसभा और विधानसभा चुनावों में लाभ हुआ।


चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया

चुनाव आयोग ने आरोपों को खारिज किया
राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने इन दावों को पूरी तरह से खारिज कर दिया। आयोग ने स्पष्ट किया कि सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की मतदाता सूचियां उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं और कोई भी इन्हें डाउनलोड कर सकता है। आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर एक स्क्रीनशॉट साझा करते हुए इसे 'फेक न्यूज़' करार दिया और लिंक प्रदान किया: https://voters.eci.gov.in/download-eroll


मुख्य चुनाव अधिकारियों की मांग

साक्ष्य प्रस्तुत करने की अपील
तीन राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों ने राहुल गांधी से अनुरोध किया कि वे मतदाता सूची में गड़बड़ी वाले नामों की सूची एक शपथ पत्र के साथ साझा करें, ताकि आयोग आवश्यक कार्रवाई कर सके। चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि यदि गांधी यह साक्ष्य नहीं दे पाते हैं, तो उन्हें 'देश से माफी मांगनी चाहिए।'


राहुल गांधी की प्रतिक्रिया

संविधान की रक्षा की शपथ
राहुल गांधी ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने संसद में पहले ही संविधान की रक्षा की शपथ ली है और उन्हें अतिरिक्त शपथ देने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने आयोग पर निष्पक्षता की कमी का आरोप लगाया और इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया।


विवाद का बढ़ता हुआ स्वरूप

चुनावी व्यवस्था पर अविश्वास
यह घटनाक्रम इस बात को दर्शाता है कि भारत की चुनावी प्रणाली पर राजनीतिक अविश्वास किस हद तक बढ़ चुका है। अब यह देखना होगा कि राहुल गांधी अपने आरोपों के समर्थन में आवश्यक दस्तावेज पेश कर पाते हैं या नहीं, और क्या चुनाव आयोग कोई जांच शुरू करता है।