राहुल गांधी ने आलंद सीट पर वोटिंग गड़बड़ी की जांच के लिए एसआईटी की मांग की
राहुल गांधी का आरोप
यह स्पष्ट नहीं है कि राहुल गांधी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से इस मामले में बात की या उन्होंने खुद ही यह घोषणा की कि आलंद सीट पर हुई कथित वोटिंग गड़बड़ी की जांच अब विशेष जांच दल (एसआईटी) करेगा। दरअसल, राहुल गांधी ने 18 सितंबर को दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट पर 6,018 मतदाता नामों को मतदाता सूची से हटाने का प्रयास किया गया था। उनका दावा है कि यह सब एक केंद्रीकृत सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया गया था। यह सच है कि 6,018 नामों को हटाने का प्रयास किया गया, लेकिन इनमें से अधिकांश प्रयास असफल रहे। चुनाव आयोग की जांच में केवल 24 आवेदन सही पाए गए और उनके नाम हटा दिए गए, जबकि बाकी 5,994 आवेदनों की जांच अभी भी जारी है।
सीआईडी और चुनाव आयोग का विवाद
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि इन आवेदनों की जांच कर्नाटक की सीआईडी कर रही है, लेकिन चुनाव आयोग सहयोग नहीं कर रहा है। उन्हें 18 महीने से आवश्यक दस्तावेजों की मांग की जा रही है, जो अब तक नहीं दिए गए हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि सीआईडी की जांच चुनाव आयोग द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के आधार पर हो रही है, जिसमें आयोग ने कुछ प्रारंभिक दस्तावेज प्रदान किए थे। अब सवाल यह उठता है कि जिस मामले की सीआईडी पहले से जांच कर रही है, उसके लिए अलग से एसआईटी का गठन करने का क्या औचित्य है? यदि चुनाव आयोग 18 महीने से सीआईडी को दस्तावेज नहीं दे रहा है, तो वह एसआईटी के कहने पर दस्तावेज क्यों उपलब्ध कराएगा? राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि वह सीआईडी को आवश्यक दस्तावेज मुहैया कराए। कांग्रेस को इस मुद्दे पर दबाव बनाना चाहिए, लेकिन सिद्धारमैया सरकार ने एक चलती हुई जांच के बीच में एसआईटी का गठन कर दिया, जिससे जांच और जटिल हो गई।