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राहुल गांधी ने निर्वाचन आयोग पर उठाए सवाल, बिहार की मतदाता सूची में अनियमितताओं का आरोप

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने बिहार की मतदाता सूची में अनियमितताओं का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक सीट का मामला नहीं है, बल्कि यह एक संगठित प्रयास है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी फर्जी प्रविष्टियों का दावा किया है। जानें इस मुद्दे पर संसद में क्या हो रहा है और विपक्षी सांसदों का प्रदर्शन कैसे चल रहा है।
 

राहुल गांधी का निर्वाचन आयोग पर आरोप

नई दिल्ली। कांग्रेस के नेता और लोकसभा में विपक्ष के प्रमुख राहुल गांधी ने मंगलवार को निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाया कि वह ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के सिद्धांत को लागू करने में असफल रहा है। उन्होंने बिहार की मतदाता सूची में अनियमितताओं के दावों का जिक्र करते हुए कहा, ‘अभी पिक्चर बाकी है।’


संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘यह केवल एक सीट का मामला नहीं है, बल्कि कई सीटों का है। यह एक राष्ट्रीय स्तर पर संगठित तरीके से हो रहा है। चुनाव आयोग इस बारे में जानता है और हम भी। पहले सबूत नहीं थे, लेकिन अब हैं। हम संविधान की रक्षा कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। हम रुकने वाले नहीं हैं।’


बिहार की मतदाता सूची में 124 वर्षीय ‘मिंता देवी’ के नाम पर सवाल उठाने पर उन्होंने कहा, ‘ऐसे अनगिनत मामले हैं।’ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी कहा कि कई प्रविष्टियों में पते और रिश्तेदारों के नाम फर्जी पाए गए हैं।


इससे पहले, ‘इंडिया’ गठबंधन के कई सांसदों ने संसद परिसर में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के खिलाफ प्रदर्शन किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, टीएमसी के डेरेक ओ’ब्रायन, डीएमके के टी.आर. बालू, एनसीपी की सुप्रिया सुले समेत अन्य विपक्षी सांसदों ने पोस्टर लेकर नारेबाजी की और इस प्रक्रिया को वापस लेने की मांग की। कई सांसदों ने सफेद टी-शर्ट पहनी थी, जिस पर ‘मिंता देवी’ की तस्वीर और ‘124 नॉट आउट’ लिखा था।


कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने आरोप लगाया कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में आयोग ‘भाजपा का विभाग’ बन गया है। उन्होंने कहा, ‘मिंता देवी को पहली बार की मतदाता दिखाया गया है जबकि उनकी उम्र 124 साल है। मतदाता सूची ऐसे ही फर्जीवाड़े से भरी पड़ी है।’


एसआईआर को लेकर संसद में गतिरोध जारी है। 21 जुलाई से मानसून सत्र शुरू होने के बाद से, ऑपरेशन सिंदूर पर हुई चर्चा को छोड़कर अधिकांश समय सदनों की कार्यवाही स्थगित रही है, खासकर इसी मुद्दे पर।