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रूस के राष्ट्रपति पुतिन का भारत दौरा: महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि और मोदी से महत्वपूर्ण बैठक

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा 5 दिसंबर को भव्य स्वागत के साथ शुरू हुआ। उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की और प्रधानमंत्री मोदी के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। यह दौरा भारत-रूस के बीच ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने का प्रतीक है। जानें इस दौरे का राजनीतिक और आर्थिक महत्व क्या है।
 

रूस के राष्ट्रपति का भव्य स्वागत


नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा 5 दिसंबर को दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत के साथ शुरू हुआ। इस अवसर पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। पुतिन सुबह लगभग 11:30 बजे फोरकोर्ट पहुंचे, जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया। यह स्वागत भारत और रूस के बीच के गहरे ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंधों को दर्शाता है।


महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि

महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि
स्वागत समारोह के बाद, पुतिन ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह यात्रा दोनों देशों के बीच साझेदारी को और मजबूत करने का प्रतीक मानी जा रही है। पुतिन की राजघाट यात्रा से यह स्पष्ट होता है कि भारत-रूस संबंध केवल राजनीतिक और आर्थिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी गहरे हैं।


प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक

मोदी और पुतिन की बैठक
राजघाट से पुतिन की यात्रा हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक के लिए निर्धारित की गई है। इस बैठक पर न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया की नजरें हैं। दोनों नेता भारत मंडपम में FICCI के व्यापारिक कार्यक्रम में भी शामिल होंगे, जिससे भारत-रूस व्यापारिक और आर्थिक सहयोग को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।


भारत-रूस संबंधों का महत्व

भारत-रूस संबंधों में महत्व
पुतिन का यह दौरा भारत-रूस की आठ दशक पुरानी साझेदारी को और मजबूत करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन का गर्मजोशी से स्वागत किया और एयरपोर्ट से उनके साथ कार में बैठकर आधिकारिक निवास तक पहुंचे। पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि पुतिन उनके मित्र हैं और भारत-रूस मित्रता समय की कसौटी पर खरी उतरी है।


दौरे का आर्थिक और राजनीतिक महत्व

दौरे का आर्थिक और राजनीतिक महत्त्व
यह दौरा भारत-रूस संबंधों के व्यापारिक, ऊर्जा और रक्षा सहयोग को नई दिशा देने वाला है। यह भारत-अमेरिका संबंधों में उत्पन्न चुनौतियों के समय में और भी महत्वपूर्ण हो गया है। बैठक के दौरान कई समझौतों की उम्मीद है, जिससे दोनों देशों के आर्थिक और रणनीतिक हितों को बल मिलेगा।


इस दौरे से यह स्पष्ट होता है कि भारत और रूस न केवल रणनीतिक साझेदारी में विश्वास रखते हैं, बल्कि आपसी सहयोग और मित्रता को स्थायी बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। यह दौरा भविष्य की राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक साझेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।