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रूस-यूक्रेन शांति वार्ता: इस्तांबुल में सहमति के संकेत

रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधियों ने इस्तांबुल में शांति वार्ता की, जिसमें कैदियों की अदला-बदली पर सहमति बनी। यूक्रेन ने सीजफायर की मांग की, जबकि रूस ने केवल 2-3 दिनों के लिए युद्धविराम के लिए सहमति दी। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने चेतावनी दी कि यदि वार्ता विफल होती है, तो नए प्रतिबंध लगाए जाएंगे। जानें इस वार्ता के प्रमुख बिंदु और आगे की संभावनाएँ।
 

रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता

रूस-यूक्रेन शांति बैठक: रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधियों ने सोमवार को तुर्की के इस्तांबुल में दो सप्ताह बाद शांति वार्ता के दूसरे दौर के लिए मुलाकात की। यह वार्ता तीन साल से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के प्रयास में आयोजित की गई, जबकि एक दिन पहले कीव ने मास्को के एयरबेसों पर बड़ा ड्रोन हमला किया था। रूस और यूक्रेन के बीच यह वार्ता 90 मिनट तक चली।


बैठक के बाद की घोषणाएँ

बैठक के बाद, यूक्रेन के रक्षा मंत्री रुस्तम उमेरोव ने बताया कि कैदियों की अदला-बदली पर सहमति बनी है, जिसमें गंभीर रूप से घायल और युवा लोगों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। तुर्की के विदेश मंत्री हकान फिदान ने इस बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें तुर्की की खुफिया एजेंसी के अधिकारी भी शामिल थे।


सहमति के बिंदु

यूक्रेन ने सीजफायर की मांग की, लेकिन रूस केवल 2-3 दिनों के लिए युद्धविराम के लिए सहमत हुआ। इस पर सहमति बनी कि सीजफायर के दौरान युद्ध में मारे गए सैनिकों के शवों का आदान-प्रदान किया जाएगा। बातचीत केवल 90 मिनट चली, और सैनिकों की अदला-बदली पर सहमति बनी। तारीख अभी तय नहीं है, लेकिन दोनों देश फिर से तुर्की में बातचीत करेंगे।


दस्तावेजों का आदान-प्रदान

इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने लिथुआनिया के विनियस में कहा कि दोनों पक्षों ने तुर्की के माध्यम से दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया है और वे कैदियों की नई रिहाई की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि वार्ता बेनतीजा रही, तो नए प्रतिबंध लगाए जाएंगे। रूस पर G7 स्तर पर प्रतिबंध आवश्यक हैं।


जेलेंस्की का बयान

जेलेंस्की ने कहा कि कैदियों की अदला-बदली और बंधक बच्चों की वापसी रूस की जिम्मेदारी होनी चाहिए। यदि ऐसा किया गया, तो रूस और यूक्रेन आपसी मुद्दों को सीधी बातचीत से सुलझा सकते हैं। यदि रूस ऐसा नहीं करता और इस्तांबुल में वार्ता विफल होती है, तो यूरोपीय संघ को कड़े प्रतिबंध लगाने चाहिए। अमेरिका को भी रूस पर नए प्रतिबंध लगाने चाहिए।


पहली बैठक का संदर्भ

पिछली बार 6 मई को दोनों देशों के प्रतिनिधियों की मुलाकात हुई थी। दोनों पक्षों ने सैन्य और कूटनीतिक अधिकारियों को भेजा था, ताकि युद्ध रोकने के लिए कोई साझा योजना बनाई जा सके। हालाँकि, इस्तांबुल में हुई बैठक में युद्ध रोकने पर कोई सहमति नहीं बनी।