रूसी राष्ट्रपति के भोज में विपक्षी नेताओं को आमंत्रित न करने पर सियासी बवाल
भोज को लेकर उठे विवाद
नई दिल्ली : पिछले शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए आयोजित एक भव्य भोज ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष के नेता, मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी, इस भोज में आमंत्रित नहीं किए गए। भाजपा ने कांग्रेस के इस आरोप को 'नाटक' करार देते हुए जवाब दिया।
भाजपा का स्पष्टीकरण
मुलाकात का निर्णय विदेशी अतिथि पर निर्भर
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि किसी भी विदेशी अतिथि के साथ मुलाकात करना पूरी तरह से उनके निर्णय पर निर्भर करता है। उन्होंने यह भी बताया कि भोज में राहुल गांधी पहले ही बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, मॉरीशस के प्रधानमंत्री और न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री से मिल चुके हैं। भाटिया ने कहा कि ऐसे में कांग्रेस का रोना और नाटक समझ से परे है। भाजपा का कहना है कि किसी भी नेता को आमंत्रित न करना या किसी को आमंत्रित करना विदेशी प्रतिनिधियों की प्राथमिकता पर निर्भर करता है।
विशेष भोज का आयोजन
राष्ट्रपति भवन में पुतिन के लिए विशेष भोज
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पुतिन के दिल्ली प्रवास के दौरान राष्ट्रपति भवन में एक विशेष भोज का आयोजन किया। इस भोज में विपक्ष के नेता शामिल नहीं थे, जबकि कांग्रेस के शशि थरूर को आमंत्रित किया गया। थरूर ने भोज का अनुभव गर्मजोशी और संवादात्मक बताया और रूसी प्रतिनिधिमंडल के साथ अपने अनुभव साझा किए।
कांग्रेस का विरोध
लोकतांत्रिक सिद्धांतों का उल्लंघन
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पुष्टि की कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को औपचारिक भोज में आमंत्रित नहीं किया गया। कांग्रेस के पवन खेड़ा ने इस निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह प्रोटोकॉल का उल्लंघन है और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि जब उनके वरिष्ठ नेता आमंत्रित नहीं हुए, लेकिन उन्हें आमंत्रित किया गया, तो इसका राजनीतिक संदेश समझने की आवश्यकता है।
सत्ता और विपक्ष के दृष्टिकोण में मतभेद
छोटी मानसिकता का कदम
शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने विपक्ष के नेताओं को आमंत्रित न करने को 'छोटी मानसिकता' वाला कदम बताया। खेड़ा ने कहा कि सभी की अंतरात्मा की आवाज़ सुननी चाहिए और यह समझना जरूरी है कि खेल कौन खेल रहा है। इस घटना ने भारत में औपचारिक प्रोटोकॉल और राजनीतिक प्राथमिकताओं को लेकर गंभीर बहस को जन्म दिया है।