×

रोहतक में नगर निगम कर्मचारियों का प्रदर्शन: काले झंडों के साथ मुख्यमंत्री आवास का घेराव

रोहतक में नगर निगम कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर काले झंडों के साथ प्रदर्शन किया। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो 20 मई को मुख्यमंत्री नायब सैनी के आवास का घेराव करेंगे। इस आंदोलन में कर्मचारियों की एकता और सरकार की उदासीनता के खिलाफ उनकी आवाज उठाई गई है। जानें इस आंदोलन की पूरी कहानी और कर्मचारियों की मांगों के बारे में।
 

रोहतक में नगर निगम कर्मचारियों का प्रदर्शन

रोहतक: नगर निगम कर्मचारियों ने काले झंडे लेकर किया प्रदर्शन, मांगें न पूरी होने पर मुख्यमंत्री आवास का घेराव: रोहतक में नगर निगम के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। काले झंडे थामे हुए कर्मचारियों ने लघु सचिवालय के बाहर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और डीडीपीओ राजपाल चहल को अपना मांग पत्र सौंपा।


कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो 20 मई को मुख्यमंत्री नायब सैनी के कुरुक्षेत्र स्थित आवास का घेराव किया जाएगा। आइए, इस आंदोलन की पूरी कहानी पर नजर डालते हैं।


कर्मचारियों का आक्रोश

नगर पालिका कर्मचारी संघ के बैनर तले रोहतक के नगर निगम कर्मचारियों ने शुक्रवार को अपनी अनसुनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरने का निर्णय लिया। सुबह, कर्मचारी नगर निगम कार्यालय के बाहर एकत्र हुए और साढ़े 11 बजे काले झंडे लेकर लघु सचिवालय की ओर बढ़े।


नारेबाजी करते हुए उन्होंने सरकार से मांग पत्र स्वीकार करने की अपील की। डीडीपीओ राजपाल चहल ने कर्मचारियों से मांग पत्र लिया और आश्वासन दिया कि उनकी बात सरकार तक पहुंचाई जाएगी। इसके बाद कर्मचारी वापस लौट गए।


मांगों का इतिहास

नगर निगम इकाई के अध्यक्ष शंभू ने बताया कि 7 अगस्त 2024 को सरकार और नगर पालिका कर्मचारी संघ के बीच एक समझौता हुआ था, जिसमें कर्मचारियों की कई मांगों पर सहमति बनी थी। हालांकि, सरकार ने अब तक इन वादों को पूरा नहीं किया है।


इससे नाराज होकर कर्मचारियों ने आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया। नगर पालिका कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेश शास्त्री ने हाल ही में रोहतक में हुई प्रदेश स्तरीय बैठक में इस मुद्दे को उठाया और आंदोलन की रणनीति बनाई।


आंदोलन की योजना

कर्मचारियों ने अपनी मांगों को मनवाने के लिए चरणबद्ध आंदोलन की योजना बनाई है। 2 मई को पूरे प्रदेश में नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषदों के कर्मचारियों ने काले झंडे लेकर प्रदर्शन किया और सरकार को मांग पत्र सौंपे। आगामी 13 और 14 मई को शहरों में उल्टा झाड़ू लेकर प्रदर्शन किया जाएगा।


16 मई को एक दिवसीय क्रमिक भूख हड़ताल होगी। यदि इसके बाद भी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो 20 मई को कर्मचारी कुरुक्षेत्र में मुख्यमंत्री नायब सैनी के आवास का घेराव करेंगे।


मांग पत्र में क्या शामिल है?

कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने उनकी मांगों, जैसे वेतन वृद्धि, नियमितीकरण, और बेहतर कार्य स्थितियों को नजरअंदाज किया है। मांग पत्र में इन सभी मुद्दों को विस्तार से उठाया गया है।


कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार समझौते के बावजूद उनकी समस्याओं को हल करने में गंभीर नहीं है। यह आंदोलन उनकी एकजुटता और सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश को दर्शाता है।


कर्मचारियों की एकता

रोहतक में हुए इस प्रदर्शन ने कर्मचारियों की एकता को उजागर किया है। काले झंडे और नारेबाजी के माध्यम से उन्होंने अपनी आवाज उठाई।


डीडीपीओ राजपाल चहल ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगें सरकार तक पहुंचाई जाएंगी। हालांकि, कर्मचारी इस बार ठोस कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि सरकार ने उनकी बात नहीं मानी, तो आंदोलन और तेज होगा।


निष्कर्ष: कर्मचारियों की पुकार

रोहतक में नगर निगम कर्मचारियों का यह प्रदर्शन उनकी अनसुनी मांगों और सरकार की उदासीनता के खिलाफ एक बड़ा कदम है।


काले झंडे और मांग पत्र के जरिए उन्होंने अपनी बात रखी है, और अब गेंद सरकार के पाले में है। 20 मई को प्रस्तावित मुख्यमंत्री आवास घेराव से पहले क्या सरकार उनकी मांगों को पूरा करेगी? यह सवाल हर किसी के मन में है। कर्मचारियों की यह लड़ाई न केवल उनके हक की है, बल्कि यह बेहतर कार्य परिस्थितियों और सम्मान की मांग भी है।