लंदन में हिंदू समुदाय का बांग्लादेशी हाई कमीशन के बाहर विरोध प्रदर्शन
लंदन में विरोध प्रदर्शन
शनिवार को लंदन में स्थित बांग्लादेशी हाई कमीशन के बाहर हिंदू समुदाय ने एक जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का नाम 'हिंदुओं के लिए न्याय' रखा गया, जिसमें बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग की गई। हालांकि, इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान तनाव उस समय बढ़ गया जब कुछ खालिस्तानी समर्थक वहां बांग्लादेशी सरकार के समर्थन में उपस्थित हो गए।
हनुमान चालीसा का पाठ
बंगाली हिंदू आदर्श संघ और अन्य भारतीय संगठनों के सदस्यों ने 'हिंदू जीवन मायने रखते हैं' के नारे लगाते हुए सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया।
डिजिटल वैन का उपयोग
प्रदर्शनकारियों ने एक डिजिटल वैन का सहारा लिया, जिसमें बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा के आंकड़े और तस्वीरें प्रदर्शित की गईं।
खालिस्तानी समर्थकों का हस्तक्षेप
चिन्मय प्रभु और दीपू दास का मामला
प्रदर्शनकारियों ने इस्कॉन संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और ईशनिंदा के झूठे आरोप में दीपू दास की सार्वजनिक लिंचिंग की कड़ी निंदा की।
बांग्लादेश में हालात
लंदन में यह गुस्सा बांग्लादेश में हाल ही में हुई दो जघन्य हत्याओं के बाद फूटा है। दीपू चंद्र दास को ईशनिंदा के झूठे आरोप में भीड़ ने आग लगा दी थी, जबकि अमृत मंडल की 24 दिसंबर को राजबाड़ी जिले में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।
भारत सरकार की प्रतिक्रिया
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इन घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है। मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों के खिलाफ चरमपंथियों द्वारा बढ़ती हिंसा एक गंभीर वैश्विक मुद्दा है। प्रदर्शनकारियों ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।