लखनऊ में अपर्णा यादव के भाई पर 14 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप
लखनऊ में धोखाधड़ी का मामला
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव के भाई चंद्रशेखर उर्फ अमन बिष्ट के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है। उन पर 14 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। हाल ही में अपर्णा की मां अंबी बिष्ट का नाम भी भूखंड घोटाले में सामने आया था। अपर्णा, अखिलेश यादव के सौतेले भाई प्रतीक की पत्नी हैं।
बीजेपी की नेता अपर्णा यादव के परिवार की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। पहले उनकी मां अंबी बिष्ट और अब उनके भाई अमन बिष्ट पर भी मामला दर्ज हो गया है। चंद्रशेखर सिंह बिष्ट उर्फ अमन बिष्ट पर धोखाधड़ी का आरोप है। इस मामले में गोमती नगर थाने में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। लखनऊ की एक रियल एस्टेट कंपनी के निदेशक ने उन पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है।
यह मामला लखनऊ के गोमतीनगर थाना क्षेत्र से संबंधित है। कोर्ट में दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अमन बिष्ट और उनके सहयोगी हिमांशु राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। इसके आधार पर गोमतीनगर थाने में 20 सितंबर को बीएनएस की धारा 316(5), 318(4), 338, 336(3) और 351 के तहत केस दर्ज किया गया है। जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता ठाकुर सिंह मनराल मरर्चन्टास इन्फाहाइट्स प्रा. लि. के निदेशक हैं।
ठाकुर सिंह मनराल ने बताया कि साल 2019 में उनकी अमन बिष्ट से मुलाकात हुई थी, जिसमें उनकी मां अंबी बिष्ट भी मौजूद थीं। बातचीत के दौरान अमन बिष्ट ने लखनऊ के सरसवा और अहमामऊ गांव में लगभग 22 बीघा जमीन बेचने का दावा किया था। सौदे की पुष्टि होने के बाद अमन बिष्ट ने अपने साथी हिमांशु राय को भुगतान लेने के लिए अधिकृत किया था। पीड़ित का आरोप है कि उन्हें भरोसा दिलाया गया कि करीब 26,900 वर्गफीट जमीन उनकी कंपनी को हस्तांतरित की जाएगी। इस भरोसे में आकर उन्होंने धीरे-धीरे करीब 14 करोड़ रुपये अमन बिष्ट की कंपनी मोनाल इंफ्राटेक प्रा. लि. के खाते में और नगद रूप में दे दिए थे।
पीड़ित के अनुसार, करोड़ों रुपये देने के बाद भी उनके नाम केवल 13,450 वर्गफीट जमीन की रजिस्ट्री कराई गई है। पीड़ित ने आरोप लगाया कि बाकी जमीन की रजिस्ट्री करने के बजाय अमन बिष्ट और हिमांशु राय टाल-मटोल करने लगे थे। ठाकुर सिंह ने बताया कि जब उन्होंने इस मामले पर सवाल उठाया तो उन्हें बताया गया कि कुछ खसरा नंबर छूट गए हैं, जल्द ही बाकी की रजिस्ट्री कर दी जाएगी। लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी ऐसा नहीं हुआ है।
शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि जब उन्होंने पैसे वापस करने या पूरी जमीन की रजिस्ट्री कराने की मांग की तो अमन बिष्ट और उनके सहयोगियों ने उन्हें धमकी दी। कथित तौर पर कहा गया कि अपना पैसा भूल जाओ, दोबारा मांगा तो जान से हाथ धो बैठोगे। पीड़ित ने बताया कि इस पूरे प्रकरण की जानकारी अरविन्द सिंह बिष्ट, अम्बी बिष्ट और चन्द्रशेखर सिंह बिष्ट की बहन अपर्णा यादव को भी है। पीड़ित ने बताया कि उन्होंने कई बार पुलिस से शिकायत की लेकिन कथित राजनीतिक दबाव के चलते कार्रवाई नहीं हो पाई थी।
इस मामले के खुलासे के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। अपर्णा यादव पहले से ही भाजपा में सक्रिय हैं और महिला आयोग की उपाध्यक्ष भी हैं। उनके परिवार पर दर्ज मुकदमे ने उन्हें नए विवादों में डाल दिया है।