लद्दाख आंदोलन पर तारिक कर्रा का बयान: भाजपा की वादाखिलाफी का आरोप
लद्दाख में आंदोलन की स्थिति
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष तारिक कर्रा ने रविवार को कहा कि भाजपा की झूठी उम्मीदों और केंद्र सरकार की बेरुखी ने लद्दाख में हो रहे आंदोलन को जन्म दिया है। भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने का वादा किया था, जिसे पूरा नहीं किया गया।
तारिक कर्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यदि भाजपा ने अपने वादे निभाए होते तो आज की यह स्थिति नहीं होती। भाजपा केंद्र सरकार की गलतियों और वादा खिलाफी को छुपाने के लिए कांग्रेस पर आरोप लगा रही है।
लद्दाख में राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन में 24 सितंबर को हिंसा भड़क गई थी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए। इस दौरान जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया।
तारिक कर्रा ने कहा कि कांग्रेस आंदोलन के दौरान हुई आगजनी और गोलीबारी की कड़ी निंदा करती है और मृतकों के परिवारों के प्रति सहानुभूति प्रकट की। उन्होंने कहा कि अगर सरकार सोचती है कि सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी से आंदोलन थमेगा तो वह गलतफहमी में है। लद्दाख एक संवेदनशील क्षेत्र है, जो पाकिस्तान और चीन जैसे दुश्मन देशों से घिरा हुआ है। चीन पहले से ही लद्दाख के कुछ इलाकों में घुसपैठ कर चुका है। ऐसे में केंद्र सरकार को सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए, न कि राजनीति।
तारिक कर्रा ने बताया कि जो लोग अब केंद्र सरकार और स्थानीय प्रशासन के खिलाफ विरोध कर रहे हैं, वे वही लोग हैं जिनका भाजपा ने पहले इस क्षेत्र में दुरुपयोग किया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान में कांग्रेस का सोनम वांगचुक से कोई संबंध नहीं है। वांगचुक के पिता 1970 के दशक में जम्मू-कश्मीर सरकार में डिप्टी मंत्री थे, लेकिन 1987 में पार्टी से निलंबित हो गए थे। तब से उनका कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है। उनके परिवार के कई सदस्य भाजपा के साथ जुड़े हुए हैं।