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लालकृष्ण आडवाणी के 98वें जन्मदिन पर नेताओं ने दी बधाई

पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का 98वां जन्मदिन आज मनाया जा रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर सहित कई नेताओं ने उन्हें बधाई दी है। पीएम मोदी ने आडवाणी के योगदान की सराहना करते हुए उन्हें दूरदर्शी नेता बताया। आडवाणी का भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान है, और उनके जीवन के बारे में जानें इस लेख में।
 

लालकृष्ण आडवाणी का जन्मदिन


नई दिल्ली: आज पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का 98वां जन्मदिन है, जो 8 नवंबर 1927 को जन्मे थे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई अन्य नेताओं ने उन्हें बधाई दी है। पीएम मोदी ने आडवाणी को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं दीं और उनके देश तथा पार्टी के प्रति योगदान की सराहना की।


प्रधानमंत्री ने एक पोस्ट में आडवाणी को एक दूरदर्शी और बुद्धिमान नेता बताया। उन्होंने कहा कि उनका जीवन भारत की प्रगति को सशक्त बनाने के लिए समर्पित रहा है। इसके साथ ही, उन्होंने आडवाणी की निस्वार्थ सेवा और दृढ़ सिद्धांतों की भी प्रशंसा की। पीएम ने कहा कि उनके योगदान ने भारत के लोकतांत्रिक और सांस्कृतिक परिदृश्य पर गहरी छाप छोड़ी है। देखें पोस्ट- 




एस जयशंकर ने भी दी जन्मदिन की बधाई:


विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी आडवाणी को उनके 98वें जन्मदिन पर बधाई दी और उनके उत्कृष्ट नेतृत्व, दूरदर्शिता और राष्ट्र के प्रति उनकी आजीवन सेवा की सराहना की।




जानें लालकृष्ण आडवाणी के बारे में:


लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर, 1927 को कराची में हुआ था। वे भारतीय जनता पार्टी के एक प्रमुख नेता हैं और भारतीय राजनीति में उनका योगदान महत्वपूर्ण माना जाता है। आडवाणी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। 2002-04 के दौरान, वे भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष और भारत के उप-प्रधानमंत्री रहे। बीजेपी को लोकप्रिय बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।


आडवाणी ने हैदराबाद के डीजी नेशनल कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की। वे हिंदू राष्ट्रवादी संगठन आरएसएस में शामिल हुए और 1947 में राजस्थान में इसकी गतिविधियों का कार्यभार संभाला। 1970 में, आडवाणी भारतीय संसद के उच्च सदन, राज्यसभा के सदस्य बने और 1989 तक इस पद पर रहे। 1973 में, उन्हें भारतीय जनसंघ का अध्यक्ष चुना गया और 1977 तक इस पद पर बने रहे।