लालू यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, लैंड फॉर जॉब मामले में राहत नहीं
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
नई दिल्ली: नौकरी के बदले जमीन (लैंड फॉर जॉब) घोटाले में फंसे राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की परेशानियाँ बढ़ती जा रही हैं। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें एक और बड़ा झटका देते हुए निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया।
याचिका पर कोर्ट की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने लालू यादव की याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि इस मामले से संबंधित एक याचिका पहले से ही दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित है। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने यह भी कहा कि निचली अदालत द्वारा आरोप तय करने की प्रक्रिया दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित याचिका के फैसले पर निर्भर करेगी।
घोटाले का इतिहास
यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू प्रसाद यादव केंद्र में रेल मंत्री थे। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) का आरोप है कि इस दौरान रेलवे के ग्रुप 'डी' पदों पर भर्ती के लिए नियमों का उल्लंघन करते हुए कई लोगों को नौकरी दी गई। इसके बदले में आवेदकों से उनकी जमीनें लालू यादव के परिवार के सदस्यों और करीबी लोगों के नाम पर लिखवाई गईं।
लालू यादव की अपील
लालू यादव के वकील मुदित गुप्ता ने 12 अगस्त तक ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही को स्थगित करने की मांग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर राहत देने से इनकार कर दिया। इससे पहले, 18 जुलाई को भी शीर्ष अदालत ने लालू की एक अन्य याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।
सीबीआई की जांच
सीबीआई इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच कर रही है और दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में लालू यादव, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद अब निचली अदालत में उन पर आरोप तय होने का रास्ता साफ हो गया है।