लोकसभा में विपक्ष का हंगामा, कार्यवाही स्थगित
लोकसभा में हंगामे का कारण
नई दिल्ली। मंगलवार को लोकसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) समेत कई मुद्दों पर हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित होने के बाद अंततः दिनभर के लिए रोक दी गई।
सदन की कार्यवाही का स्थगन
मानसून सत्र के दूसरे दिन, जब निचले सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित होने के बाद दोपहर दो बजे फिर से शुरू हुई, तो विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच पीठासीन सभापति दिलीप सैकिया ने नियम 377 के तहत चर्चा कराने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने विपक्ष को सदन में बोलने का पूरा अवसर देने का आश्वासन भी दिया।
संसदीय कार्य मंत्री का बयान
हंगामे के बीच, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा, “हमने किसी विषय पर चर्चा का अंतिम निर्णय नहीं लिया है।” उन्होंने बताया कि कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में यह तय हुआ था कि पहले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा होगी। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे तख्तियां लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, जो निंदनीय है।
विपक्ष का हंगामा जारी
रीजीजू ने कहा, “सरकार ने बार-बार कहा है कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं, फिर भी वे हंगामा कर रहे हैं। यह देश के करदाताओं का पैसा और सदन का समय बर्बाद कर रहा है।” विपक्ष का हंगामा न थमने पर पीठासीन पदाधिकारी ने अपराह्न दो बजकर पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
राज्यसभा में भी हंगामा
बिहार में चुनाव आयोग द्वारा किए जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा की मांग को लेकर राज्यसभा की कार्यवाही भी मंगलवार को दो बार स्थगित होने के बाद दोपहर दो बजे फिर से शुरू हुई। लेकिन कुछ ही देर में, विपक्षी हंगामे के कारण इसे पूरे दिन के लिए स्थगित करना पड़ा।
उपसभापति का निर्देश
उच्च सदन की बैठक जब दो बार स्थगन के बाद फिर से शुरू हुई, उपसभापति हरिवंश ने पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल को ‘समुद्र द्वारा माल वहन विधेयक 2025’ पर विचार और पारित करने के लिए प्रस्ताव पेश करने को कहा। इसी बीच, विपक्षी सदस्यों ने एसआईआर सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया।