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वसुंधरा राजे की डॉ. मोहन भागवत से मुलाकात: राजनीतिक रणनीति की ओर इशारा

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जोधपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत से मुलाकात की, जो लगभग 20 मिनट तक चली। इस चर्चा ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, खासकर जब राजे के हालिया बयानों और संभावित पार्टी जिम्मेदारियों की बात की जाए। क्या राजे भाजपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेंगी? जानें इस मुलाकात के पीछे की रणनीति और भविष्य की संभावनाएं।
 

राजनीतिक गलियारों में हलचल

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आज सुबह जोधपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत से मुलाकात की। यह चर्चा लगभग 20 मिनट तक चली, जिसके बाद राजनीतिक हलकों में काफी चर्चा होने लगी है। माना जा रहा है कि इस बातचीत में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श हुआ है।


हाल ही में धौलपुर में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान राजे ने 'वनवास' पर टिप्पणी की थी। इसके बाद जोधपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि दृढ़ विश्वास से किसी भी कठिन कार्य को पूरा किया जा सकता है। इन बयानों ने पहले से ही चर्चा को बढ़ावा दिया था, और अब भागवत से हुई मुलाकात ने यह कयास और भी मजबूत कर दिए हैं कि राजे को पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है।


सूत्रों के अनुसार, संघ में वसुंधरा राजे के प्रति सकारात्मक रुख है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता है और उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाता है, तो वे इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला बन जाएंगी। यह पहलू भी इस मुलाकात को और अधिक महत्वपूर्ण बनाता है।


मुलाकात के बाद, वसुंधरा राजे सूरसागर स्थित बड़ा रामद्वारा गईं, जहां उन्होंने संत रामप्रसाद जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं और धार्मिक चर्चा में भाग लिया। इसके बाद, अजीत भवन में उन्होंने सब-इंस्पेक्टर भर्ती में सफल उम्मीदवारों से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।


डॉ. मोहन भागवत इस समय 5 से 7 सितंबर तक चल रही संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक के लिए जोधपुर में हैं। ऐसे माहौल में वसुंधरा राजे की यह मुलाकात केवल शिष्टाचार नहीं, बल्कि भविष्य की राजनीतिक रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है।