विजय ने बिहार मतदाता सूची में हेरफेर पर उठाई आवाज़
विजय का लोकतंत्र पर जोर
तमिलनाडु के उभरते अभिनेता-राजनेता विजय ने एक बार फिर राष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी आवाज़ उठाई है। उन्होंने राहुल गांधी के नेतृत्व में बिहार की मतदाता सूची में कथित हेरफेर के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों और विपक्षी सांसदों की गिरफ्तारी को लोकतंत्र के लिए चिंताजनक बताया। विजय का कहना है कि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव संविधान की आत्मा को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं।
विरोध प्रदर्शन पर विजय की प्रतिक्रिया
दिल्ली में जब राहुल गांधी और अन्य विपक्षी सांसद चुनाव आयोग की ओर मार्च कर रहे थे, तब उन्हें हिरासत में लिया गया। विजय ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की और कहा कि लोकतांत्रिक देश में शांतिपूर्ण विरोध पर इस तरह की कार्रवाई अस्वीकार्य है। उन्होंने यह भी बताया कि तमिलनाडु की राजनीति में उनकी पार्टी टीवीके ने पहले ही बिहार की मतदाता सूची की समीक्षा पर सवाल उठाए थे।
निष्पक्ष चुनाव की आवश्यकता
निष्पक्ष चुनाव की जरूरत पर ज़ोर
विजय ने कहा कि चुनाव तभी विश्वसनीय होंगे जब वे पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ आयोजित किए जाएं। उन्होंने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए सभी राजनीतिक दलों की सहमति को आवश्यक बताया। पिछले साल दिसंबर में, उन्होंने संविधान की रक्षा को लोकतंत्र की नींव बताया था। उनका मानना है कि जब तक लोगों का चुनाव प्रणाली पर भरोसा नहीं होगा, तब तक लोकतंत्र कमजोर रहेगा।
राहुल गांधी के आरोपों पर विजय की चुप्पी
राहुल गांधी के आरोपों पर चुप्पी
हालांकि विजय ने राहुल गांधी के विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया, लेकिन बिहार मतदाता सूची में हेरफेर के आरोपों पर उन्होंने कोई सीधी टिप्पणी नहीं की। राहुल ने आरोप लगाया है कि बिहार में 1 लाख से अधिक फर्जी वोटर बनाए गए हैं, जिनमें डुप्लीकेट एंट्री, फर्जी पते और गलत फोटो शामिल हैं। उन्होंने चुनाव आयोग की हलफनामे की मांग को ठुकरा दिया, यह कहते हुए कि एक सांसद के रूप में उनका संवैधानिक बयान ही पर्याप्त है।
2026 विधानसभा चुनाव की तैयारी
2026 की तैयारी और राजनीतिक रणनीति
विजय 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में उतरने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने डीएमके को 'राजनीतिक दुश्मन' और बीजेपी को 'वैचारिक दुश्मन' बताया है। एआईएडीएमके पर उन्होंने अब तक कोई हमला नहीं किया है, जिससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि भविष्य में वह इस पार्टी के साथ गठबंधन के विकल्प खुले रख सकते हैं। उनकी यह रणनीति उन्हें तमिलनाडु की राजनीति में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना सकती है।