विदेश मंत्री जयशंकर ने लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर की चर्चा, उठाए 5 महत्वपूर्ण कदम
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा
नई दिल्ली: लोकसभा में आज 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने सदन को बताया कि किस प्रकार भारत ने आतंकवाद के प्रति अपनी 'जीरो टॉलरेंस' नीति के तहत पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब किया और कई कड़े कदम उठाए, जिससे सीमा पार एक स्पष्ट संदेश गया।
विदेश मंत्री ने कहा, "पहलगाम हमले के बाद एक स्पष्ट और मजबूत संदेश भेजना आवश्यक था। हमें यह सुनिश्चित करना था कि इसके गंभीर परिणाम होंगे।" उन्होंने बताया कि इसी संदर्भ में 23 अप्रैल को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक हुई, जिसमें 5 ऐतिहासिक निर्णय लिए गए।
CCS की बैठक में लिए गए 5 महत्वपूर्ण निर्णय
सिंधु जल संधि स्थगित: 1960 की सिंधु जल संधि को तब तक के लिए स्थगित कर दिया गया जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता।
अटारी चेक पोस्ट बंद: अटारी चेक पोस्ट को तुरंत बंद करने का निर्णय लिया गया।
SAARC वीजा खत्म: सार्क वीजा छूट योजना के तहत यात्रा कर रहे पाकिस्तानी नागरिकों को अब यह सुविधा नहीं मिलेगी।
पाकिस्तानी राजनयिक निष्कासित: पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया।
उच्चायोग में स्टाफ कटौती: पाकिस्तानी उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी गई।
कूटनीतिक मोर्चे पर पाकिस्तान को बेनकाब करना
एस. जयशंकर ने कहा कि भारत की प्रतिक्रिया केवल इन निर्णयों तक सीमित नहीं रही। उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद को उजागर करना था। हमने दुनिया को बताया कि इस हमले का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को निशाना बनाना और भारत में सांप्रदायिक तनाव फैलाना था।" उन्होंने बताया कि UNSC ने भी आतंकवाद पर भारत के दृष्टिकोण को स्वीकार किया।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति के फोन पर PM मोदी का जवाब
विदेश मंत्री ने सदन को यह भी बताया कि 9 मई को अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर चेतावनी दी थी कि पाकिस्तान एक बड़े हमले की योजना बना रहा है। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने दृढ़ता से कहा, "हम पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देंगे।"
इस दौरान, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने भारत-पाक के बीच मध्यस्थता की बात कही थी। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच कोई मध्यस्थ नहीं था।