विपक्षी दलों का चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की योजना
महाभियोग प्रस्ताव पर विचार
नई दिल्ली। विपक्षी दलों ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाने की योजना बनाई है। रविवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद विपक्षी दलों में नाराजगी बढ़ गई है। उनका आरोप है कि ज्ञानेश कुमार ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर जवाब देने के बजाय भाजपा के प्रवक्ता की तरह बात की और विपक्ष को धमकी दी। सोमवार को विपक्षी दलों ने कानूनी और संवैधानिक उपायों पर विचार करने की बात कही है।
रविवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में ज्ञानेश कुमार ने राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों पर कहा कि उन्हें या तो हलफनामा देना चाहिए या देश से माफी मांगनी चाहिए। बताया जा रहा है कि सोमवार को राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के चैम्बर में विपक्षी नेताओं की बैठक हुई, जिसमें महाभियोग लाने पर चर्चा की गई। कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने कहा कि बैठक में सहमति बनी है और उचित समय पर निर्णय लिया जाएगा।
गौरव गोगोई ने इस मुद्दे पर कई विपक्षी दलों के नेताओं के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। उन्होंने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट में चर्चा हुई थी और आयोग के सभी तर्कों को खारिज कर दिया गया। उन्होंने कहा, 'कल चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की लेकिन यह नहीं बताया कि एसआईआर इतनी जल्दी क्यों हो रहा है। इस पर वे चुप थे।' गोगोई ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों पर सवाल उठाए, लेकिन जब विपक्षी दल सवाल पूछते हैं, तो वे जवाब देने से भाग रहे हैं।
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त का प्रदर्शन बेहद शर्मनाक था। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का काम विपक्ष पर हमला करना नहीं है। समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने भी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाग लिया और कहा कि चुनाव आयोग बार-बार कह रहा है कि हलफनामा देकर आरोप लगाएं, जबकि समाजवादी पार्टी ने 18 हजार हलफनामा दिए थे, जिनका आयोग ने कोई जवाब नहीं दिया। राजद के मनोज झा भी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे।