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शरद पवार का बड़ा आरोप: विपक्षी गठबंधन को मिली थी जीत की गारंटी का प्रस्ताव

एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने एक गंभीर आरोप लगाया है कि उन्हें दो व्यक्तियों ने प्रस्ताव दिया था कि यदि महाविकास अघाड़ी को ठेका दिया जाए, तो वे 288 विधानसभा सीटों में से 160 पर जीत की गारंटी दे सकते हैं। हालांकि, पवार और राहुल गांधी ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। इस मामले में गड़बड़ी की आशंका जताई गई है, जिससे इसकी गहन जांच की आवश्यकता है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित नतीजे।
 

शरद पवार का आरोप

एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने हाल ही में एक गंभीर आरोप लगाया है। यह आरोप नया नहीं है, क्योंकि पहले भी इस विषय पर चर्चा हो चुकी है, लेकिन तब इसे ज्यादा तवज्जो नहीं मिली। अब राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस और बिहार में चल रहे एसआईआर के संदर्भ में यह मामला फिर से सुर्खियों में है। पवार ने बताया कि उन्हें दो व्यक्तियों ने संपर्क किया था, जिन्होंने कहा कि यदि विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी उन्हें ठेका दे, तो वे 288 विधानसभा सीटों में से 160 पर जीत की गारंटी दे सकते हैं। पवार ने कहा कि वे इन दोनों व्यक्तियों के साथ राहुल गांधी के पास गए थे, जहां उन्होंने राहुल को भी यह प्रस्ताव दिया। हालांकि, अंततः राहुल और पवार ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।


प्रस्ताव की गंभीरता

यह स्पष्ट है कि जब इन दोनों ने पवार और राहुल को यह प्रस्ताव दिया, तो उन्होंने कोई प्रजेंटेशन भी पेश किया होगा कि वे यह कैसे करेंगे। क्या यह मतदाता सूची में किसी प्रकार की गड़बड़ी के माध्यम से होगा, या कोई मैनुअल तरीका अपनाया जाएगा, या फिर ईवीएम के जरिए कुछ गड़बड़ी की जाएगी? यह निश्चित है कि किसी न किसी प्रकार की गड़बड़ी से ही परिणामों की ऐसी गारंटी दी जा सकती है। इसका मतलब यह भी है कि चुनाव परिणामों में छेड़छाड़ की संभावना है। इसलिए, इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए। यह शरद पवार और राहुल गांधी की जिम्मेदारी है कि वे इसकी जांच सुनिश्चित करें। उन्हें उस समय यह कदम उठाना चाहिए था। जो लोग ऐसा दावा कर रहे थे, उनकी जांच होनी चाहिए। एक जिम्मेदार नागरिक और नेता के रूप में यह उनका कर्तव्य बनता है। यदि उन्होंने पहले ऐसा नहीं किया, तो अब उन व्यक्तियों की जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए और गंभीरता से इसकी जांच होनी चाहिए।