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शशि थरूर की कांग्रेस से दूरी: क्या पार्टी को होगा नुकसान?

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पार्टी नेतृत्व के लिए नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। उनकी लगातार कांग्रेस से दूरी और भिन्न विचार पार्टी के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। क्या थरूर की स्थिति कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएगी? जानें इस लेख में उनके बयानों और संभावित कार्रवाई के बारे में।
 

कांग्रेस सांसद शशि थरूर की स्थिति

तिरूवनंतपुरम से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने पार्टी नेतृत्व के लिए नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। अगले साल अप्रैल में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले, थरूर की राजनीतिक गतिविधियाँ कांग्रेस के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं। वे लगातार पार्टी की नीति से भिन्न विचार व्यक्त कर रहे हैं और कांग्रेस से दूरी बनाए रख रहे हैं। 30 नवंबर को, उन्होंने कांग्रेस द्वारा आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में दूसरी बार भाग नहीं लिया। इस दिन, सोनिया गांधी ने संसद के शीतकालीन सत्र से पहले एक रणनीतिक समूह की बैठक बुलाई थी, जिसमें थरूर ने शामिल नहीं होने का निर्णय लिया। उन्होंने अपनी 90 वर्षीय माताजी की देखभाल का हवाला दिया, लेकिन इस कारण को पार्टी के अन्य सदस्यों ने स्वीकार नहीं किया। इससे पहले भी, वे एसआईआर द्वारा आयोजित बैठक में शामिल नहीं हुए थे।


कांग्रेस में थरूर की संभावित कार्रवाई

कांग्रेस के नेता अब यह कहने लगे हैं कि थरूर चाहते हैं कि पार्टी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करे। यदि कांग्रेस उन्हें पार्टी से निकालती है, तो उन्हें लोकसभा सीट से इस्तीफा देने की आवश्यकता नहीं होगी। यदि वे स्वयं इस्तीफा देते हैं, तो उन्हें अपनी सदस्यता समाप्त करने की प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा। पहले यह चर्चा थी कि वे इस्तीफा दे सकते हैं, जिससे तिरूवनंतपुरम सीट पर उपचुनाव हो सकता है। हालांकि, यह प्रस्ताव अभी भी विचाराधीन है। दूसरी ओर, थरूर का कहना है कि वे कांग्रेस के खिलाफ नहीं बोल रहे हैं और न ही पार्टी छोड़ने का विचार कर रहे हैं। लेकिन उनके बयान, जो अर्थव्यवस्था से लेकर कूटनीति तक फैले हुए हैं, कांग्रेस की नीति से पूरी तरह भिन्न हैं। यह कोई संयोग नहीं है, क्योंकि वे चौथी बार सांसद हैं और उनके बयानों में भिन्नता उनके चौथे कार्यकाल में ही स्पष्ट होने लगी है।