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शशि थरूर ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का किया स्वागत, कहा- फिजूल के मामलों से बर्बाद हो रहा न्यायिक समय

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी का स्वागत किया है, जिसमें एक भाजपा नेता को उनके खिलाफ दायर मानहानि का मामला वापस लेने की सलाह दी गई। थरूर ने कहा कि न्यायिक प्रणाली में कई ऐसे मामले हैं जो अनावश्यक हैं और उनका कोई ठोस आधार नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका बयान किसी को निशाना बनाने के लिए नहीं था। थरूर ने चिंता जताई कि राजनीतिक प्रतिशोध के मामलों में अदालतों का समय बर्बाद हो रहा है।
 

सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर थरूर की प्रतिक्रिया

कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी का स्वागत किया है, जिसमें एक भाजपा नेता को उनके खिलाफ दायर मानहानि का मामला वापस लेने की सलाह दी गई थी। थरूर ने कहा कि हमारे न्यायिक तंत्र में कई ऐसे मामले हैं जो न केवल अनावश्यक हैं, बल्कि उनका कोई ठोस आधार भी नहीं है। उन्होंने कहा, “समस्या यह है कि कई बेकार के मामलों को न्यायिक प्रक्रिया में शामिल किया जाता है, और यही प्रक्रिया खुद एक सजा बन जाती है।”


थरूर ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने अपने किसी बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या किसी अन्य व्यक्ति को निशाना नहीं बनाया। उन्होंने 2011 में प्रकाशित एक लेख का उल्लेख किया, जिसमें आरएसएस के एक सदस्य का बयान शामिल था। “वह व्यक्ति बाद में भाजपा में शामिल होकर पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बना। मैंने केवल उस बयान का हवाला दिया था, लेकिन फिर भी मेरे खिलाफ 6 साल बाद मामला दर्ज कर दिया गया,” उन्होंने कहा।




राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित मामला

'राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित था मामला'


कांग्रेस नेता ने कहा कि यह मामला पूरी तरह से राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित था और सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसे खारिज करने की सलाह कोई आश्चर्य की बात नहीं है। उन्होंने चिंता जताई कि देश की अदालतों का कीमती समय राजनीतिक प्रतिशोध के मामलों में बर्बाद हो रहा है, जबकि न्यायपालिका को गंभीर और वास्तविक मामलों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।