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शहरी स्थानीय निकायों के सम्मेलन में मनोहर लाल का महत्वपूर्ण बयान

हरियाणा के गुरुग्राम जिले के मानेसर में आयोजित शहरी स्थानीय निकायों के सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने शहरी निकायों में सत्रों के आयोजन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के सम्मेलन कैपिसिटी बिल्डिंग में महत्वपूर्ण हैं और इन्हें नियमित रूप से आयोजित किया जाना चाहिए। मंत्री ने पर्यावरण की रक्षा करते हुए शहरों के विकास की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। जानें उनके विचार और भविष्य की योजनाएं।
 

मानेसर में शहरी स्थानीय निकायों का सम्मेलन

चंडीगढ़- हरियाणा के गुरुग्राम जिले के मानेसर में आयोजित शहरी स्थानीय निकायों के अध्यक्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने सुझाव दिया कि लोकसभा और विधानसभाओं की तरह शहरी स्थानीय निकायों में भी सत्र आयोजित किए जाने चाहिए। इन सत्रों का संचालन लोकसभा और विधानसभा के अध्यक्षों की तरह चयनित व्यक्तियों द्वारा किया जाना चाहिए।


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन कैपिसिटी बिल्डिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह पहली बार है जब इतने बड़े पैमाने पर शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों का सम्मेलन आयोजित किया गया है। ऐसे आयोजनों को देशभर में नियमित रूप से होना चाहिए, और इसके लिए ऑनलाइन माध्यमों का उपयोग किया जाना चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोग लाभ उठा सकें और अपने शहरों का विकास कर सकें।
मनोहर लाल ने यह भी कहा कि हमें पर्यावरण की रक्षा करते हुए शहरों का विकास करना होगा। प्रगतिशील कार्य करते समय पर्यावरण को बचाने का ध्यान रखना आवश्यक है। ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार करते हुए ई-मोबिलिटी के लिए योजना बनानी चाहिए। भारत में मेट्रो की शुरुआत 2002 में हुई थी, जबकि अमेरिका में यह 150 साल पहले शुरू हुई थी। आज भारत के 21 शहरों में एक हजार किलोमीटर मेट्रो चल रही है, जो अमेरिका के बराबर है। इसे भविष्य में और विकसित करने की योजना है।


मनोहर लाल ने आगे कहा कि केंद्र सरकार के अर्बन चैलेंज फंड के माध्यम से शहरों का पुनर्निर्माण किया जाएगा, जिसके लिए एक लाख करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि शहरों को और बेहतर बनाने के लिए दुनिया के बेहतरीन शहरों की सर्वोत्तम प्रथाओं को लागू किया जा रहा है। हाल ही में स्पेन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिससे दोनों देशों में हो रहे उत्कृष्ट कार्यों का आदान-प्रदान किया जा सके।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि भारत में शहरीकरण की गति तेजी से बढ़ रही है, इसलिए सरकारों और नगर निकायों को अपनी गति बढ़ानी होगी। कार्यबल को प्रशिक्षित करना और संसाधनों का सही उपयोग करना आवश्यक है। 1970 में शहरीकरण की दर 20 प्रतिशत थी, जो आज बढ़कर 36 प्रतिशत हो गई है और 2047 तक यह 50 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है।