शिमला के अस्पताल में डॉक्टर और मरीज के बीच विवाद, प्रशासन ने की कार्रवाई
शिमला में विवादित घटना
शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में एक मामूली विवाद ने बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया। यह मामला एक खाली बिस्तर पर लेटने से शुरू हुआ, लेकिन यह जल्दी ही मरीज और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के बीच हाथापाई में बदल गया।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
घटना का वीडियो आया सामने
इस घटना का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी डॉक्टर को निलंबित कर दिया और पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
बिस्तर पर विवाद की शुरुआत
बेड को लेकर शुरू हुआ विवाद
रिपोर्ट के अनुसार, चौपाल क्षेत्र के कुपवी निवासी अर्जुन पंवार इलाज के लिए आईजीएमसी पहुंचे थे। उनकी एंडोस्कोपी प्रक्रिया के बाद डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी और दूसरे वार्ड में जाने को कहा। इसी दौरान अर्जुन ने चेस्ट ओपीडी में एक खाली बिस्तर देखा और वहां लेट गए, जिससे विवाद की शुरुआत हुई। ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने उन्हें वहां से उठने को कहा, जिसके बाद दोनों के बीच बहस शुरू हो गई।
परिजनों के आरोप
परिजनों ने लगाए आरोप
मरीज के परिजनों का कहना है कि डॉक्टर ने पहले मरीज से गलत तरीके से बात की। जब मरीज ने इसका विरोध किया, तो डॉक्टर ने अपना आपा खो दिया और हाथापाई पर उतर आए। उस समय मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर था, जिससे परिजनों की चिंता और बढ़ गई। वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि डॉक्टर मरीज के साथ मारपीट कर रहा है। आसपास के लोग बीच-बचाव की कोशिश करते दिख रहे हैं, लेकिन वार्ड में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।
डॉक्टर का पक्ष
डॉक्टर ने रखा अपना पक्ष
आरोपी डॉक्टर ने अपनी बात रखते हुए कहा कि मरीज ने बातचीत के दौरान उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया, जिससे वह अपना संयम खो बैठे। डॉक्टर के अनुसार, मरीज के व्यवहार के कारण स्थिति बिगड़ी। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले दोनों पक्षों के बयान, सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों की जांच की जाएगी।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल परिसर में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। मरीज के परिजन और अन्य लोग आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करने लगे। स्थिति को संभालने के लिए प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा। आईजीएमसी के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. राहुल राव ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की गई है और आरोपी डॉक्टर राघव नरूला को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया गया है। जांच में दोषी पाए जाने पर आगे और सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री का बयान
स्वास्थ्य मंत्री का बयान आया सामने
स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने इस घटना को गंभीर बताया है। उन्होंने कहा कि मरीज के साथ किसी भी प्रकार की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है और स्पष्ट किया है कि दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह घटना एक बार फिर अस्पतालों में मरीजों और चिकित्सा कर्मियों के बीच बेहतर संवाद और संवेदनशीलता की आवश्यकता को उजागर करती है।