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श्रेयस अय्यर की चोट से वापसी की प्रेरणादायक कहानी

भारतीय क्रिकेटर श्रेयस अय्यर ने हाल ही में अपनी चोट और बीसीसीआई के कॉन्ट्रैक्ट से बाहर होने के अनुभव साझा किए हैं। उन्होंने अपनी कठिनाइयों के बावजूद वापसी की उम्मीद जगाई है। जानें कैसे उन्होंने अपनी फिटनेस वापस पाई और टेस्ट क्रिकेट में वापसी की कोशिश कर रहे हैं। उनकी प्रेरणादायक कहानी को पढ़ें।
 

श्रेयस अय्यर के लिए मिश्रित अनुभव

श्रेयस अय्यर: भारतीय क्रिकेटर श्रेयस अय्यर के हाल के दिन काफी उतार-चढ़ाव से भरे रहे हैं। एक ओर, उन्हें एशिया कप की टीम से बाहर किया गया, जबकि दूसरी ओर, उन्हें ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ भारत ए की कप्तानी सौंपी गई। यह अवसर उनके लिए टेस्ट क्रिकेट में वापसी का एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। 


श्रेयस अय्यर की चोट का दर्दनाक अनुभव

श्रेयस ने पिछले कुछ वर्षों में शानदार प्रदर्शन किया है और भारतीय क्रिकेट में अपनी पहचान बनाई है। हालांकि, एक समय ऐसा भी आया जब एक गंभीर चोट ने उनके करियर को खतरे में डाल दिया था। इस बारे में श्रेयस ने अपनी दर्दनाक कहानी साझा की है, जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी चोट कितनी गंभीर थी।


चोट के बारे में श्रेयस का खुलासा

2023 के वनडे वर्ल्ड कप के बाद श्रेयस को पीठ में गंभीर चोट लगी थी। यह चोट इतनी गंभीर थी कि उनके एक पैर ने पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया था। नस टूटने के कारण उन्हें असहनीय दर्द का सामना करना पड़ा। श्रेयस ने उस डरावने समय को याद करते हुए कहा, "मैं अपने एक पैर को बिल्कुल भी हिला नहीं पा रहा था। रीढ़ की सर्जरी में तो रॉड डालकर कुछ हद तक स्थिति को संभाला जा सकता है लेकिन मेरी नस टूट गई थी। यह बहुत खतरनाक था। दर्द इतना था कि मेरी छोटी उंगली तक में तेज जलन होती थी।"


बीसीसीआई के कॉन्ट्रैक्ट से बाहर होना

श्रेयस की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुईं। चोट से उबरने के दौरान बीसीसीआई ने सभी खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट खेलने का निर्देश दिया था। लेकिन श्रेयस चोट के कारण मुंबई के लिए नहीं खेल पाए। इसके चलते बीसीसीआई ने उन्हें 2024-2025 के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया, जो उनके लिए एक बड़ा झटका था।


मेहनत और वापसी की उम्मीद

श्रेयस ने अपनी मेहनत और दृढ़ निश्चय से धीरे-धीरे अपनी फिटनेस वापस हासिल की। उन्होंने वनडे टीम में अपनी जगह पक्की की और अब टेस्ट और टी20 में भी वापसी की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "मैं सिर्फ वही नियंत्रित कर सकता हूं जो मेरे हाथ में है। मैं अपनी स्किल्स और ताकत पर काम करता रहूंगा। जब भी मुझे मौका मिलेगा, मैं उसे दोनों हाथों से थाम लूंगा।"