संविधान दिवस पर पीएम मोदी का संदेश: कर्तव्यों का पालन करें
प्रधानमंत्री का पत्र और कर्तव्यों की अपील
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस के अवसर पर एक पत्र के माध्यम से देशवासियों से अपने संवैधानिक कर्तव्यों का पालन करने की अपील की है। उन्होंने बताया कि कर्तव्यों का पालन एक सशक्त लोकतंत्र की आधारशिला है और हर नागरिक को इसे पूरी ईमानदारी से निभाना चाहिए। पत्र में, पीएम ने सुझाव दिया कि स्कूल और कॉलेजों को 18 वर्ष की आयु में पहली बार वोट देने वाले युवाओं का सम्मान करते हुए संविधान दिवस मनाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नई पीढ़ी को लोकतंत्र की ताकत से अवगत कराना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने महात्मा गांधी के उस विचार को भी याद किया जिसमें कहा गया है कि अधिकार कर्तव्यों से उत्पन्न होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब नागरिक अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं, तो समाज और राष्ट्र दोनों का विकास तेजी से होता है।
पीएम मोदी के पत्र में मुख्य बातें
पीएम ने अपने पत्र में क्या लिखा?
प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि आज के निर्णय आने वाली पीढ़ियों के जीवन को प्रभावित करेंगे, इसलिए सभी नागरिकों को कर्तव्य भावना के साथ राष्ट्र निर्माण में योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान मानव गरिमा, समानता और स्वतंत्रता को सर्वोच्च महत्व देता है। संविधान नागरिकों को अधिकार प्रदान करता है, लेकिन यह भी याद दिलाता है कि कर्तव्यों का पालन हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि
संविधान निर्माताओं को दी श्रद्धांजलि
अपने संदेश में, प्रधानमंत्री ने संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनकी दूरदर्शिता आज भी भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में प्रेरित करती है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी एक संदेश साझा किया, जिसमें कहा कि कर्तव्यों का पालन ही मजबूत लोकतंत्र की नींव है और देश को विकसित भारत की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए हर नागरिक का सहयोग आवश्यक है।
संविधान दिवस का महत्व
उन्होंने संविधान दिवस पर क्या कहा?
उन्होंने यह भी कहा कि संविधान दिवस केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों और कर्तव्यों को पुनः स्थापित करने का अवसर है। उनके अनुसार, भारत का भविष्य तभी उज्ज्वल होगा जब नागरिक अपने कर्तव्यों और अधिकारों के बीच संतुलन बनाए रखेंगे। प्रधानमंत्री का यह संदेश देशभर में युवाओं और नागरिकों को जागरूक करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।