संसद का मानसून सत्र: सरकार ने चर्चा के लिए खोला दरवाजा
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू
मानसून सत्र की शुरुआत 21 जुलाई से होने जा रही है। इससे पहले, रविवार को आयोजित सर्वदलीय बैठक में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सरकार की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर खुलकर चर्चा के लिए सरकार तैयार है। उन्होंने यह भी बताया कि संसद के सुचारु संचालन के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष को मिलकर काम करना चाहिए।
सरकार के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा
रिजिजू ने कहा कि सरकार संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर', पहलगाम आतंकी हमले और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के सीज़फायर बयान जैसे मुद्दों पर उचित जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर महत्वपूर्ण चर्चा में उपस्थित रहते हैं और सरकार संसदीय मर्यादाओं का सम्मान करती है। विपक्ष की योजना पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, "हम सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन यह बहस संसद के भीतर होनी चाहिए, न कि बाहर।"
मानसून सत्र में 17 विधेयक पेश करने की योजना
रिजिजू ने बताया कि इस मानसून सत्र में सरकार 17 विधेयक पेश करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी प्रश्नों का गंभीरता से उत्तर देने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा, "हम खुली सोच के साथ चर्चा के लिए तैयार हैं और संसदीय परंपराओं का सम्मान करते हैं।" सर्वदलीय बैठक में 51 राजनीतिक दलों के 54 सदस्य शामिल हुए, और रिजिजू ने इसे रचनात्मक बैठक करार दिया।
जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ 100 से अधिक सांसदों ने महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसे इस सत्र में लाने की योजना है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इसकी समयसीमा अभी तय नहीं हुई है। रिजिजू ने यह भी कहा कि संसद में कम सदस्यों वाले दलों को बोलने का कम समय मिलता है, इसलिए यह मामला लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति के समक्ष उठाया जाएगा ताकि सभी दलों को समान अवसर मिल सके।