संसद का राजनीतिकरण: सांसद कार्तिकेय शर्मा की महत्वपूर्ण बातें
संसद का उद्देश्य और विपक्ष की भूमिका
- इंडिया न्यूज के साथ बातचीत में सांसद कार्तिकेय शर्मा ने विपक्ष पर तीखा हमला किया।
नई दिल्ली | संसद, जो लोकतंत्र की सबसे बड़ी पंचायत है, का उद्देश्य देशहित में कार्य करना और आवश्यक चर्चाओं को आगे बढ़ाना है। हाल के सत्रों में संसद में हंगामे की घटनाएं बढ़ी हैं, जो कि उचित नहीं हैं। हालांकि, शीतकालीन सत्र में कुछ सुधार देखने को मिला है, लेकिन विपक्ष ने सदन की कार्यवाही को बाधित करने का प्रयास किया। सांसद कार्तिकेय शर्मा ने इस विषय पर इंडिया न्यूज हरियाणा की एक्जीक्यूटिव एडिटर ज्योति सांगवान से विस्तृत चर्चा की।
शीतकालीन सत्र की प्रोडक्टिविटी
सवाल: शीतकालीन सत्र में आपने कई मुद्दे उठाए। यह सत्र कैसा रहा?
जवाब: इस वर्ष शीतकालीन सत्र की प्रोडक्टिविटी 120 प्रतिशत रही। सभापति ने इसकी सराहना की। अंतिम दिन सदन की कार्रवाई रात 1:30 बजे तक चली, जो पिछले सत्रों की तुलना में बेहतर है। इस दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए। हालांकि, कुछ घटनाएं ऐसी थीं जो संसद की परंपरा के अनुरूप नहीं थीं।
विपक्ष के हंगामे पर प्रतिक्रिया
सवाल: वंदे मातरम और एसआईआर जैसे मुद्दों पर विपक्ष ने हंगामा किया। आपकी राय क्या है?
जवाब: जनता हमें उनके मुद्दों को उठाने के लिए भेजती है। संसद में सवाल पूछने की प्रक्रिया होती है, लेकिन जब विपक्ष हंगामा करता है, तो यह उन लोगों के अधिकारों का हनन है जिन्होंने हमें चुना है।
वंदे मातरम पर विपक्ष का रुख
सवाल: वंदे मातरम पर विपक्ष ने आपत्ति जताई। आपके विचार क्या हैं?
जवाब: वंदे मातरम एक ऐसा आंदोलन है जिसने राष्ट्र भावना को जागृत किया। इसका संसद में गाना अनिवार्य होना चाहिए।
चुनाव सुधार पर विपक्ष की मांग
सवाल: विपक्ष चुनाव सुधार की मांग कर रहा है। इस पर आपकी क्या राय है?
जवाब: विपक्ष की यह मांग हास्यास्पद है। जब वे जीतते हैं, तो ईवीएम ठीक होती है, लेकिन हारने पर सवाल उठाते हैं। यह उनकी संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है।
हरियाणा की राजनीति पर विचार
सवाल: हरियाणा की राजनीति में आप क्या बदलाव देख रहे हैं?
जवाब: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने लोगों के बीच से आकर उनकी समस्याओं का समाधान किया है। उनकी नीतियों का लाभ आम जनता को मिल रहा है।